विधि विधान से दुर्गा प्रतिमाओं की श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
शारदीय नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन सोमवार को देवी मंदिरों,दुर्गा पंडालों में माता रानी ब्रह्मचारिणी के स्वरूप का अभिषेक कर आरती की गई। माता के दरबार में पहुंचे श्रद्धालुओं के चेहरे पर चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है... का भाव था। वहीं हाथों में नारियल और चुनरी चढ़ाने के लिए सुबह और शाम को मंदिरों में पहुंचे। इस दौरान कहीं लंबी कतारें तो कहीं कम भीड़ देखी गई।नवरात्र का दूसरा दिन भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना का दिन रहा। श्रद्धालु भक्त व साधक अनेक प्रकार से भगवती की अनुकम्पा प्राप्त करने के लिए व्रत-अनुष्ठान व साधना करते दिखाई दिए।वहीं नवरात्र के दूसरे दिन मेजा, मेजारोड,सिरसा,रामनगर,ऊंचडीह बाजार,सोनार का तारा,दिघिया,चिलबिला, मांडारोड,भारतगंज,मांडा खास,खवास का तारा, सुरूवादलापुर, भटौती कोनिया, कोहड़ार, लालतारा, पहड़ी महादेव,जयकुंडे नाथ सहित क्षेत्र में लगे दुर्गा पंडालों में सुबह से पूरे दिन श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।इस दौरान महिलाओं ने देवी गीत गाए। जिसमें सैकड़ों लोगों ने मां के दरबार में शीश नवाकर मां का आशीर्वाद ग्रहण किया। इसी क्रम में मेजा स्थित भारतीय स्टेट बैंक कैंपस में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के समक्ष मुख्य यजमान सपत्नीक राजू केशरी को आचार्य जीतनारायण शुक्ल ने विधि विधान से पूजा वंदना कराई।आचार्य ने बताया कि मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है। मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं।आयोजक मंडल में पंकज मोदी,सक्षम श्रीवास्तव,पाली केशरी,मुकेश मोदनवाल,शनि गुप्ता,हिमांशु मोदनवाल अजय यादव का विशेष योगदान है।वहीं
नवरात्रों को लेकर पुलिस और अग्निशमन दल की बाजार सहित आसपास के क्षेत्रों और मंदिरों में पैनी नजर है।