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जो दूसरों की सुख-सुविधा देखकर ईर्ष्या से जले वही मंथरा है: रामगोपाल तिवारी

SV News

मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। मेजारोड के पांती गांव स्थित श्री सिद्ध हनुमान मानस मंदिर में चल रहा 56वां वार्षिक विराट मानस सत्संग समारोह में "मानस रत्न बांदा" डॉ रामगोपाल तिवारी महाराज ने कथा सुनाई।
महाराज ने कहा कि रामराज्य की स्थापना सबसे बड़ी अड़चन मंथरा जैसी कुमति की कुसंगति है। मंथरा को राम जी के राज्य तिलक की बात सुनकर हृदय में जलन उत्पन्न हो गई।

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"राम तिलक सुनि भा उर दाहू।" 
अर्थात - जो दूसरे की सुख सुविधा देखकर ईर्ष्या से जले वही मंथरा है, और इस दोष के कारण राम राज्य की स्थापना नही हो पाती। जीवन में ऐसे दुष्ट लोगों की कुसंगति से बचना चाहिए। क्योंकि दुर्गुणी लोगों की कुसंगति का प्रभाव हमारे जीवन को तत्काल पतन की ओर ले जाता है। इस मौके पर मानस प्रचारिणी समिति के अध्यक्ष ईंजी नित्यानंद उपाध्याय, विजयानन्द उपाध्याय, समाजसेवी सिध्दांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, आशीष उपाध्याय सहित सैकड़ों कथा श्रोता मौजूद रहे।

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