प्रयागराज (राजेश सिंह)। पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र के बेटे विष्णु मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। महिला को धमकी देने के मामले में कोर्ट ने विष्णु मिश्र की जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही मामले से जुड़े केस के ट्रॉयल को छह माह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याची को यह छूट दी है कि वह चाहे तो मामले में नए सिरे से जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की एकल पीठ ने विष्णु मिश्रा की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है।
वाराणसी के जैतपुरा थाने में 2021 में आपराधिक षड़यंत्र, हत्या के प्रयास सहित विभिन्न मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें पूर्व विधायक विजय मिश्र के बेटे विष्णु मिश्र सहित पूरे परिवार को आरोपी बनाया गया था। निचली अदालत ने जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया था। जिसको विष्णु मिश्र ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि याची के पिता विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। षड़यंत्र के तहत उनके बेटे को फंसाया गया है। प्राथमिकी में याची के खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं लगाया गया है। एफआईआर भी घटना के नौ महीने बाद दर्ज कराई गई थी। घटना में याची सहित उसके पूरे परिवार को आरोपी बनाया गया है।
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि व्यापार से जुड़े मामले में पक्षकारों से विवाद चल रहा है। जिसमें कृष्ण मोहन तिवारी और उसकी मां से व्यवसाय से जुड़े मामले को लेकर विवाद था। जिसको लेकर सिविल और क्रिमिनल के पहले से ही कई मुकदमे लंबित हैं। इसी को लेकर साजिश के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह भी कहा कि पक्षकारों का एक गिरोह है और उन लोगों ने कई लोगों के साथ मिलकर एक झूठी एफआईआर दर्ज कराई।
सरकारी अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। कहा कि याची के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इस घटना में उसका पूरा हाथ है वह पक्षकारों को लगातार धमकी देता है। लिहाजा अर्जी खारिज करने योग्य है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। ट्रायल कोर्ट को छह माह में केस को निस्तारित करने का आदेश दिया है।
दरअसल गोपीगंज भदोही की एक महिला ने 13 सितंबर 2021 को पूर्व विधायक विजय मिश्रा, बेटे विष्णु मिश्रा, विकास मिश्रा, रीमा पांडेय, सीमा पांडेय, गरिमा तिवारी, सतीश मिश्रा, प्रकाश चंद्र मिश्रा, राज दुबे, रतन मिश्रा, मुकेश तिवारी, विमल धर दुबे और अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा 147, 149, 252, 323, 504, 506,307, 511, 392 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज है. शिकायतकर्ता महिला का आरोप था कि उस पर पूर्व में दर्ज कराये गए एक मुकदमें में सुलह के लिए दबाव डाला जा रहा है और ऐसा नहीं करने पर धमकी दी जा रही है।