प्रयागराज (राजेश सिंह)। शव विच्छेदन गृह इटावा में तीन साल से रखे लड़की के नर कंकाल के मामले में दिशा-निर्देश तय करने के लिए राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है, जो अपना सुझाव देगी। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि कमेटी में डायरेक्टर जनरल स्वास्थ्य, डायरेक्टर जनरल चिकित्सा शिक्षा और सचिव स्थानीय निकाय शामिल हैं।
उन्होंने मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की, जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने अगली सुनवाई की तिथि 20 नवंबर तय की है। इस मामले में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव नितिन शर्मा को न्याय मित्र नियुक्त किया है। उन्हें भी मानवाधिकार आयोग की गाइड लाइन की प्रति उपलब्ध कराई गई। अब इस मामले में 20 नवंबर को विस्तृत बहस होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इस मामले पर एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने शवगृहों में रखे गए शवों के अंतिम संस्कार की प्रथा के बारे में जानकारी मांगी थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया गया कि अंतिम संस्कार 72 घंटे में कर दिया जाता है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से क्या व्यवस्था की गई है। इस पर अपर महाधिवक्ता ने बताया कि तीन सदस्यीय कमेटी इन्हीं मामलों पर विचार कर अपना सुझाव देगी। सुझाव आने के बाद ऐसे मामलों के निस्तारण पर आगे विचार किया जाएगा।