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ज्योतिष्पीठ की भूमि पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और वासुदेवानंद में घमासान, मेला प्रशासन अधर में

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। माघ मेले में ज्योतिष्पीठ ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम हिमालय के नाम पर आवंटित होने वाली भूमि -सुविधाओं को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य के नाम पर मेला प्रशासन के पास दो आवेदन आए हैं। इस पीठ के शंकराचार्य रहे स्वामी स्वरूपानंद की जगह पर पट्टाभिषेक के बाद पदासीन हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भूमि सुविधाओं के आवंटन के लिए पत्र भेजा है जबकि, राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद महाराज ने भी ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम के शिविर के लिए भूमि -सुविधाएं मांगी हैं।
मेला प्रशासन अनिर्णय की स्थिति में है। रविवार को शंकराचार्यों के शिविरों के लिए भूमि आवंटन होना था, लेकिन इस तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है। अब शंकराचार्यों का भूमि आवंटन तीन जनवरी को किया जाएगा। स्वामी वासुदेवानंद के प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने मेला प्रशासन को ज्योतिष्पीठ की भूमि के लिए पत्र दिए जाने की जानकारी दी। त्रिवेणी मार्ग पर ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम हिमालय का शिविर बसता रहा है। इस पीठ को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद और स्वामी वासुदेवानंद के बीच लंबे समय विवाद रहा है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अब भी लंबित है।
इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के तहत स्वामी वासुदेवानंद को छत्र, चंवर, सिंहासन का इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया था। इस फैसले के विरुद्ध स्वामी वासुदेवानंद सुप्रीम कोर्ट गए हैं। उधर, इस पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का पट्टाभिषेक होने के बाद वह ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में आसीन हो चुके हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से ज्योतिर्मठ के शिविर प्रभारी बनाए गए सहजानंद ब्रह्मचारी ने मेलाधिकारी को पत्र लिखकर त्रिवेणी मार्ग पर बद्रिकाश्रम हिमालय के लिए दो सौ फीट लंबा और दो सौ फीट चौड़ा क्षेत्रफल शाकंम्भरी सिद्धपीठ संस्था के साथ आवंटित करने के लिए कहा है। ताकि श्रद्धालु शंकराचार्य के दर्शन कर सकें। मेला प्रशासन का कहना है कि अभी त्रिवेेणी मार्ग का भूमि आवंटन आगे बढ़ा दिया गया है। इससे पहले इस विवाद का निबटारा मिल -बैठ कर कर लिया जाएगा।

स्वामी वासुदेवानंद शंकराचार्य नहीं हैं। ऐसे में ज्योतिष्पीठ की भूमि पर उनका अधिकार ही नहीं बनता है। वैसे भी माघ मेले में प्रशासन हमेशा उनके नाम से ही भूमि आवंटन करता रहा है। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज हैं। उन्हीं नाम पर बद्रिकाश्रम की भूमि आवंटित की जानी चाहिए।
-ब्रह्मचारी श्रीधरानंद, ज्योतिष्पीठ के शिविर संयोजक

निर्विवाद रूप से ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद महाराज ही हैं। इसीलिए ज्योतिष्पीठ की भूमि , सुविधाओं के आवंटन के लिए मेलाधिकारी को पत्र दिया गया है। अविमुक्तेश्वरानंद का अभिषेक अवैध है। -ओंकार नाथ त्रिपाठी, प्रवक्ता, प्रतिनिधि और प्रवक्ता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य आश्रम अलोपीबाग

ज्योतिष्पीठ के भूमि आवंटन का सर्वमान्य हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। अभी समय है। तिथि आगे बढ़ा दी गई है। इससे पहले बातचीत कर भूमि आवंटन का उचित रास्ता निकाल लिया जाएगा।
-विवेक शुक्ला, मेला प्रबंधक

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