प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड मामले में फरार चल रहे पांच लाख के इनामी शूटर अरमान के मकान को बृहस्पतिवार को पुलिस ने कुर्क कर दिया। सिविल लाइंस इलाके में स्थित अरमान के मकान को पुलिस ने मुनादी कराने के बाद कुर्क किया। पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई। इस दौरान कई थानों की पुलिस के साथ ही अतिरिक्त फोर्स को तैनात किया गया था।
मूल रूप से बिहार के गया का रहने वाला अरमान शहर के सिविल इलाके में पैलेस सिनेमा के पीछे अपनी बुआ के घर रहता था। वह अतीक अहमद का खास गुर्गा था। उमेश पाल की हत्या के दौरान वह ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था। घटना के बाद से ही वह फरार हो गया। काफी खोजबीन के बाद भी उसका कोई सुराग न लगने पर उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। कई राज्यों में तलाश के बाद भी वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। अदालत के आदेश पर पुलिस ने उसके मकान को कुर्क कर दिया।
नफीस बिरयानी के इशारे पर 2017 में की थी दुस्साहसिक वारदात
17 सितंबर 2017 को उसने नफीस के इशारे पर ही एक दुस्साहसिक वारदात की थी। उसने सिविल लाइंस में दिनदहाड़े हत्या की नीयत से सोडा पानी विक्रेता रंजीत कुमार सोनकर पर गोली चला दी थी। बहुगुणा मार्केट निवासी रंजीत दोपहर एक बजे के करीब कामधेनु स्वीट्स के पास अपनी दुकान पर था। आरोप है कि तभी वहां अरमान व 5-6 अन्य लोगों संग पहुंचे नफीस ने कट्टा सटाकर गालीगलौज करते हुए पहले उसे जमकर पीटा। इसके बाद अरमान ने गोली चला दी। दिनदहाड़े हुई इस घटना से सनसनी फैल गई थी।
इस मामले में भुक्तभोगी की पत्नी प्रीति की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने हत्या के प्रयास व एससी एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया। बाद में तत्कालीन सीओ सिविल लाइंस श्रीश्चंद ने इस मामले में दोनों के खिलाफ चार्जशीट भी लगाई।
नफीस ने ही शामिल कराया अतीक गैंग में
सूत्रों का कहना है कि शूटर अरमान को नफीस ने ही अतीक गैंग में शामिल कराया। उसने ही उसे पहले अशरफ से मिलवाया। धीरे-धीरे वह अशरफ का भरोसा जीतकर उसका खास बन गया। अशरफ ने ही अतीक से अरमान की पैरवी की और यही वजह थी कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए जाने के दौरान अरमान अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के साथ हर जगह मौजूद रहता था।
अपने साथ साए की तरह रखता था शूटर को
सूत्रों का कहना है कि अरमान को नफीस अपने साथ साए की तरह रखता था। एमजी मार्ग पर बिरयानी की दुकान चलाने के दौरान वह अक्सर आसपास ही रहता था। नफीस के कहीं जाने पर उसके साथ ही जाता था। पीडी टंडन रोड पर रेस्टोरेंट खोलने के बाद भी काफी दिनों तक वह नफीस का गुर्गा बना रहा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद वह फरार हो गया।
अरमान के जरिए ही दोनों पहुंचाते थे बात
सूत्र बताते हैं कि जेल जाने के बाद अरमान के जरिए ही अशरफ व नफीस एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाते थे। अरमान न सिर्फ नैनी बल्कि कई बार बरेली जेल में जाकर अशरफ से मिला। उसकी हर पेशी के दौरान भी वह उससे मिलने पहुंचता था। अरमान के जरिए ही अशरफ नफीस को जमीन के धंधों के बारे में हुक्म देता था। अरमान के जरिए ही नफीस जैनब तक रुपये पहुंचाता था।