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संगम की रेती पर बसा तंबुओं का शहर, मकरसंक्रांति पर पुण्य काल में संगम पर लगी डुबकी

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। सूर्य के उत्तरायण होने पर 15 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान पर्व की मान्यता है। 14 जनवरी को स्नान की मान्यता के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रविवार को गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। भोर से ही स्नान का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर तक घाटों पर ठसाठस भीड़ हो गई थी। स्नान के साथ लोगों ने घाट पर मौजूद दीन हीनों को दान भी दिया। घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रही। कपड़े बदलने के लिए बड़ी संख्या में शेड बनाए गए हैं। जीटी जवाहर से लेकर संगम तट तक सिर्फ भीड़ ही भीड़ दिख रही है। बड़े वाहनों के साथ ही बाइक का भी प्रवेश मेले में नहीं दिया जा रहा है। 
आधिकारिक तौर पर माघ मेला रविवार से शुरू हो गया है। पहले दिन मकर संक्रांति पर्व बड़ी संख्या में लोगों ने रविवार को ही मनाया। भोर से ही संगम में डुबकी लगने लगी। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने श्री बड़े हनुमान मंदिर, श्रीरामजानकी मंदिर राम घाट, काली मंदिर, सीताराम मंदिर आदि जगहों पर पूजन अर्चन किया। माघ में मकर राशि की कक्षा में सूर्य के प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती रही है, लेकिन इस बार पौष में ही यह संयोग पड़ रहा है।

शनिवार की रात से ही पहुंचने लगे श्रद्धालु 
 
ऐसे में प्रथम पुण्य की डुबकी के लिए शनिवार की रात से ही श्रद्धालु माघ मेला क्षेत्र में पहुंचने लगे। फिलहाल, आचार्यवाड़ा, दंडीवाड़ा, खाक चौक के अलावा सेक्टर दो में बसी प्रमुख आध्यात्मिक संस्थाओंं के शिविर सज-धज गए हैं। सोमवार को प्रथम पुण्य की डुबकी के साथ ही संगम पर मास पर्यंत चलने वाले जप-तप, ध्यान के मेले का आरंभ हो जाएगा। मकर संक्रांति के स्नान के लिए देश के कोने-कोने से संतों-भक्त कड़ाके की ठंड में संगम तट पर पहुंच गए हैं। दिनभर पांटून पुलों से कल्पवासी वाहन से पुआल, अलाव की लकड़ी और गृहस्थी के सामानों के साथ उतरते रहे।
संतों, तीर्थ पुरोहितों के शिविरों में हजारों कल्पवासियों ने डेरा डाल दिया। मकर संक्रांति पर मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के साथ ही मेला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। संगम से लेकर ओल्ड जीटी के बीच गंगा के दोनों तटों पर आठ स्नान घाटों पर मकर संक्रांति पर्व पर स्नान हुआ। वाहनों के लिए आठ पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। छह सेक्टर में बसे इस मेले में 4330 आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व की संस्थाओं के शिविरों में संत-भक्त कल्पवास कर रहे हैं। 

घाट बने, चेंजिंग रूम भी तैयार
 
सभी घाटों पर कांसा की आपूर्ति देर रात तक करवा दी गई। इन घाटों पर संत, भक्त और कल्पवासी पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसके अलावा महिला श्रद्धालुओं के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। भक्तों की मदद के लिए भी घाटों पर टीमें तैनात रहेंगी।
 
8 स्नान घाटों पर मकर संक्रांति पर डुबकी लगी। 
1470 सामुदायिक शौचालय माघ मेले में लगाए गए हैं
12 स्वास्थ्य शिविर और 10 प्राथमिक उपचार केंद्र स्थापित किए गए
06 सेक्टरों में बसाया गया संगम की रेती पर आस्था का माघ मेला
05 पार्किंग स्थल वाहनों के लिए बनाए गए
13,700 स्टैंड पोस्ट पेयजल के लिए मेला क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं
5000 पुलिस, पीएसी के जवान और होमगार्ड किए गए तैनात।
200 सीसीटीवी कैमरों से होगी मेला क्षेत्र की निगरानी

 
सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। संतों और प्रमुख संस्थाओं के ज्यादातर शिविर लग चुके हैं। प्रथम स्नान पर्व की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेला प्रशासन संतों-भक्तों और कल्पवासियोंं के स्वागत के लिए तैयार है। - दयानंद प्रसाद, मेलाधिकारी, माघ मेला

संगम क्षेत्र में सामान्य वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध

मकर संक्रांति के मद्देनजर अगले तीन दिनों तक संगम क्षेत्र में सामान्य वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था शनिवार रात आठ बजे से ही लागू हो गई, जो 15 जनवरी रात 12 या भीड़ समाप्ति तक प्रभावी रहेगी। इस प्रतिबंध से प्रशासनिक/चिकित्सीय वाहन मुक्त रहेंगे। इनके अलावा अन्य सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
मेला क्षेत्र में जाने के लिए प्रवेश मार्ग जीटी जवाहर चौराहे एवं निकास हर्षवर्धन चौराहे से प्रस्तावित है। एक महत्वपूर्ण व्यवस्था यह भी है कि प्रमुख स्नान पर्व के दिन अक्षयवट दर्शन के लिए बंद रहेगा। सामान्य दिनों में सुबह 07:0 से शाम 05:30 बजे तक खुलेगा।

मेला क्षेत्र में पैदल आगमन करने वाले स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं के लिए मार्ग

1.संगम आने का पैदल मार्ग:संगम आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश करना होगा। इसके बाद वह काली सड़क आकर काली रैंप से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम नोज तक जा सकेंगे।
2.संगम से वापसी का पैदल मार्ग: संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग से होते हुए इंटरलॉकिंग मार्ग से जगदीश रैंप मार्ग, त्रिवेणी मार्ग चौराहे से वापस परेड क्षेत्र स्थित पार्किंग स्थल पर पहुंच सकेंगे।

वैकल्पिक प्लान भी तैयार, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने पर पार्किंग व्यवस्था

1.मिर्जापुर: रीवा की ओर से आने वाले समस्त दोपहिया व चारपहिया वाहनों को लेप्रोसी चौराहे के बगल में नवप्रयागम पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
2.जौनपुर:वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को कटका तिराहे से डायवर्जन कर ओल्ड जीटी कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
3.कानपुर:लखनऊ की ओर से आने वाले वाहनों को सीएमपी डिग्री काॅलेज, केपी इंटर काॅलेज व बक्शी बांध कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।

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