प्रयागराज (राजेश सिंह)। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। संगम नगरी से रामलला के वस्त्र रखने के लिए अलमारी भेजी जा रही है। यह वे वस्त्र होंगे जिन्हें प्रतिदिन श्रृंगार व पूजन से पूर्व बदला जाएगा। यह अलमारी गर्भगृह में ही रखी जाएगी। इस पर बंधवा वाले लेटे हनुमानजी का चित्र अंकित होगा। भीतर और बाहर श्रीराम भी लिखा रहेगा।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए विहिप की ओर से संगम नगरी का जल और मिट्टी पहले ही जा चुकी है। एक आस्थावान ने वहां के लिए नवग्रह वाटिका भी भेंट की है। अब यहां से लोहे की अलमारी मंगलवार शाम भेजी जाएगी। नैनी निवासी अर्पित तिवारी ने आठ अलमारियों को बनवाया है। इसमें से एक मंदिर के गर्भगृह में रखी जाएगी जबकि सात को वहां के पुजारियों के प्रयोग के लिए दिया जाएगा।
इस संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। उनके निर्देश पर गर्भगृह में रखी जाने वाली अलमारी में कुछ बदलाव किया गया है। वह भगवा रंग की होगी। उसमें जगह जगह श्रीराम लिखा होगा। शेष में रामदरबार का चित्र अंकित रहेगा।
अर्पित कहते हैं कि प्रत्येक अलमारी की चौड़ाई तीन फीट, ऊंचाई 78 इंच और गहराई 19 इंच है। इनमें पांच सेल्फ और सेंट्रल लाक लगे हैं। मंगलवार शाम बंधवा वाले बड़े हनुमानजी की आरती के बाद सभी अलमारी का पूजन श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरि कराएंगे। उसके बाद अलग-अलग फूलों से सजे वाहनों पर इसे रखकर ले जाया जाएगा। साथ में बाइक व कार से बड़ी संख्या में लोग रवाना होंगे। अयोध्या के कारसेवक पुरम में पहुंचने पर ट्रस्ट के पदाधिकारी उसे स्वीकार करेंगे।