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प्रयागराज: एमएलसी रहे डॉ यज्ञदत्त शर्मा का निधन, मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। शिक्षक विधायक रहे डॉ. यज्ञदत्त शर्मा का गुरुवार को दोपहर निधन हो गया। वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 82 वर्ष के थे। डॉ यज्ञदत्त शर्मा 1996 से 2020 तक लगातार शिक्षक विधायक रहे। डॉ यज्ञदत्त शर्मा 24 साल भाजपा से शिक्षक विधायक रहे। उनके पुत्र मलायज शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट कर जानकारी दी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि "पिता जी नहीं रहे। मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके शव को लेकर वह प्रयागराज देर रात को पंहुचेंगे।
पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) डॉ.यज्ञदत्त शर्मा का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह करीब 82 साल के थे। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनको उपचार के लिए मेदांता लखनऊ में भर्ती कराया गया था, जहां बृहस्पतिवार दो दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. शर्मा भाजपा के टिकट पर लगातार चार बार इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक एमएलसी के लिए निर्वाचित हुए। पांचवीं बार वह सपा के डॉ. मान सिंह यादव से पराजित हो गए। आठ अप्रैल 2019 में उनकी पत्नी निर्मला शर्मा का भी निधन हो गया था। 

जीत की गारंटी माने जाते थे डॉ. शर्मा

प्रयागराज शहर के मीरापुर इलाके रहने वाले यज्ञदत्त ने स्नातक चुनाव में हार के साथ राजनैतिक स़फर की शुरूआत की थी, लेकिन फिर इसी सीट पर ऐसा कब़्जा जमाया कि उनका तिलिस्म टूट नहीं पाया। एक बार तो यज्ञदत्त को अजेय नेता माना जाने लगा। 1996 में सपा प्रत्याशी रमेश चंद्र श्रीवास्तव को लगभग पांच ह़जार वोटों से हराकर डॉ. यज्ञदत्त शर्मा उच्च सदन में पहुंचे और फिर पलटकर नहीं देखा।
जीत की गारंटी बन चुके यज्ञदत्त ने दूसरा चुनाव 2002 में जीता। इस चुनाव में उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ. प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव को लगभग 7500 मतों से हराया। 2008 में उनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. बाबूलाल तिवारी से हुआ। कड़े मुकाबले में डॉ. यज्ञदत्त ने जीत की हैट्रिक लगाई। वर्ष 2014 के चुनाव में उनका मुकाबला एक बार फिर डॉ. बाबूलाल तिवारी से हुआ, लेकिन इस बार डॉ. बाबूलाल तिवारी बसपा का समर्थन लेकर मैदान में उतरे थे। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ और यज्ञदत्त द्वितीय वरीयता के मत पाकर 4,732 मत से विजयी घोषित किए गए। बतौर एमएलसी 24 साल तक सत्ता में रहने वाले डॉ. यज्ञदत्त इस बार चुनाव हार गए।

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