Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile Aaradhya beauty parlour

ब्राह्मण या पटेल प्रत्याशी पर दांव लगाने की तैयारी में बहुजन समाज पार्टी

SV News

कई दावेदार कतार में, लगा रहे दौड़

प्रयागराज (राजेश सिंह)। लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा ने भले ही अपने पत्ते न खोले हों, लेकिन प्रत्याशियों के नाम पर पार्टी में मंथन तेज हो गया है। बसपा इस बार फूलपुर व इलाहाबाद सीट से ब्राह्मण या पटेल प्रत्याशी पर दांव लगाने की तैयारी में है। पार्टी ने जातिगत जनसंख्या के आधार पर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
लोकसभा चुनाव के इतिहास में फूलपुर, इलाहाबाद सीट से बसपा का अनुभव और प्रदर्शन दोनों ही अच्छा नहीं रहा है। फूलपुर सीट से 2009 के चुनाव में पार्टी ने पहली बार खाता खोला था। इस सीट से बसपा के टिकट पर कपिल मुनि करवरिया जीते थे, जो इन दिनों जेल में हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा जल्द की जा सकती है।
इलाहाबाद और फूलपुर में चार लाख पटेल मतदाता हैं, जो चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं। फुलपुर में ढाई लाख व इलाहाबाद में एक लाख से अधिक पटेल मतदाता हैं। फूलपुर के मुकाबले इलाहाबाद में पटेल मतदाताओं की संख्या कुछ कम है, लेकिन पार्टी इलाहाबाद से पटेल प्रत्याशी पर दांव खेलने की तैयारी में है।
इलाहाबाद से ब्राह्मण या मुस्लिम प्रत्याशी पर भी दांव लगाया जा सकता है। वहीं, फूलपुर सीट से किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतारने की चर्चाएं तेज हैं। फुलपुर से मुस्लिम, यादव और पाल समाज से भी टिकट की दावेदारी की जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों सेक्टर स्तर पर बैठकों में यह तय किया गया है कि इस बार जातिगत जनसंख्या के आधार पर प्रत्याशी तय किए जाएंगे।
इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय क्षेत्र में पांच-पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। पार्टी ने प्रत्येक को पार्टी ने 40 सेक्टरों में बांट रखा है और प्रत्येक सेक्टर में 10 से 12 बूथ शामिल किए गए हैं। पिछले दिनों पार्टी ने हर सेक्टर की अलग-अलग बैठकें कीं। इसके बाद प्रत्येक दो सेक्टर पर बैठकें की गईं। इस दौरान बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं से भी सुझाव मांगे गए।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सेक्टर स्तर पर बैठकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, जो बसपा सुप्रीम को भेजी जा रही है। टिकट निर्धारण में इस रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाएगा। साथ ही किस क्षेत्र में किस समाज के लोगों की कितनी संख्या है, इस आधार पर भी टिकट बंटवारे को लेकर मंथन किया जा रहा है। 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती से पहले टिकट फाइनल होने की उम्मीद है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad