अयोध्या। रामनवमी से एक दिन पूर्व अयोध्या जगमग हो उठी है। मंगलवार देर शाम तक यहां चार लाख से अधिक लोग पहुंच चुके हैं। रामलला सुबह साढ़े बजे से भक्तों को दर्शन देंगे।
जेहि दिन राम जनम श्रुति गावहिं। तीरथ सकल तहां चलि आवहिं... जिस दिन श्रीराम का जन्म होता है, वेद कहते हैं उस दिन समस्त तीर्थ अयोध्या में चले आते हैं। अयोध्या में कुछ इसी तरह का दृश्य है। रामनगरी की परिधि में अब तक करीब चार लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार होने जा रहे रामजन्मोत्सव को लेकर अयोध्या उत्सव में लीन है। मंदिरों में गीत-संगीत उत्सव का चरम परिभाषित कर रहे हैं।
अयोध्या पहुंचे भक्तों ने मंगलवार को सबसे पहले पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई। इसके बाद काफिला मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए निकल पड़ा। रामलला के दरबार में भी लंबी कतार रही। शाम होते ही पूरी नगरी जन्मोत्सव के उल्लास में भव्य सजावट से जगमग हो उठी। राममंदिर में विभिन्न कलाकार सोहर व बधाई गान की प्रस्तुति दे रहे हैं। सरयू तट से लेकर राम की पैड़ी व तुलसी उद्यान की भव्यता भक्तों को निहाल कर रही है।
वहीं कनक भवन की भव्यता भी देखते बन रही है। पूरे मंदिर परिसर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया है। राम जन्मभूमि में भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। मेला क्षेत्र में तुलसी मंच पर हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे माहौल को भक्तिमय कर रहे हैं। रामजन्मभूमि में सांस्कृतिक कलाकार सोहर और बधाई गान के जरिए भक्तों को आनंदित कर रहे हैं। राम की पैड़ी का अविरल जल प्रवाह भी श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहा है।
हनुमानगढ़ी में रामनवमी पर फहराई जाएगी हनुमान पताका
अपने आराध्या प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर हनुमंत लला सुबह चार बजे से 18 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे। दरअसल, रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा-अर्चना के साथ उनके अनन्य भक्त हनुमान जी की भी आराधना की जाती है। कहते हैं रामनवमी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी प्रकार के संकट का हरण हो जाता है। रामनवमी पर उनके परम भक्त हनुमंतलला का भी भव्य श्रृंगार होगा। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने बताया कि रामनवमी पर हनुमानगढ़ी में हनुमान पताका फहराई जाएगी। इसे विजय पताका भी कहा जाता है। हनुमान जी का भव्य श्रृंगार किया जाएगा। सोने-चांदी के आभूषण धारण कराए जाएंगे। उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यंजनों सब्जी, पूड़ी, हलुआ, मालपुआ, फल आदि के भोग लगाए जाएंगे।
ऐसे करें भगवान राम और हनुमान जी की पूजा
रामनवमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें। स्नान, ध्यान कर नवमी तिथि की पूजा करें। भगवान राम की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाकर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें। श्रीराम जी को फूल, मिष्ठान और फल आदि का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान श्रीराम जी की आरती करें। रामनवमी के दिन लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी की आराधना करें। पंचामृत चढ़ाएं, बजरंग बाण व सुंदरकांड का पाठ करें। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकट समाप्त होते हैं।