मांडा, प्रयागराज (राहुल यादव)। मांडा के उमापुर कलां गांव में रेलवे ओवर ब्रिज की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पीएस परिसर में बैठक कर मतदान बहिष्कार की घोषणा की थी। वहीं आज ग्रामीणों के मतदान बहिष्कार की सूचना पर स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियो के अथक प्रयासों के बाद भी बूथ पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
बता दें की मतदान बहिष्कार की सूचना पर मतदाताओं को मनाने के लिए मांडा इलाके के उमापुर कला गांव स्थित पोलिंग बूथ 176 पर तहसीलदार मेजा प्रभात पांडेय पहुंचे। वहीं आरओबी निर्माण की मांग को लेकर मतदान बहिष्कार पर अड़े गांव के 989 मतदाता मतदान करने को तैयार नहीं हैं। बीते दो दिन पहले उमापुर कलां बूथ संख्या 176 पर आरओबी की मांग को लेकर 989 मतदाता मतदान बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं। शनिवार सुबह सात बजे से 1 बजे तक पोलिंग बूथ पर एक भी मतदान नहीं हुआ है। मतदान केंद्र पर किसी भी प्रत्यशी के पोलिंग एजेंट तक मौजूद नहीं हैं। तहसीलदार मेजा प्रभात पांडेय मतदाताओं को समझाने में जुटे रहे, लेकिन बात नहीं बनी। इस दौरान पूर्व प्रधान गिरजा शंकर पांडेय, इंस्पेक्टर मांडा शैलेंद्र सिंह,एलआईयू से शैलेश त्रिपाठी आदि रहे।
दो दिन पहले की थी बहिष्कार की घोषणा
23 मई को ब्लॉक क्षेत्र के उमापुर कलां गांव में रेलवे ओवर ब्रिज की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पीएस परिसर में बैठक कर मतदान बहिष्कार की घोषणा की थी। मतदान बहिष्कार की सूचना पर स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया था। ब्लॉक क्षेत्र के उमापुर कलां, उमापुर खुर्द, टिकरी यादव बस्ती के ग्रामीण बीते आठ वर्ष से दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग स्थित उमापुर कलां गांव के सामने आरओबी निर्माण की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने रेलवे लाइन के समीप तीन बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
तत्कालीन ग्राम प्रधान रहे गिरजाशंकर पांडेय की अगुआई में लामबंद हुए ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन के साथ ही पीएम, सीएम, रेल मंत्री, सहित रेलवे अफसरों को पत्र भेजकर आरओबी निर्माण की मांग की थी। बावजूद इसके ग्रामीणों की मांग को अनसुना कर दिया गया। जिससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है। सन 2011 की जनगणना के मुताबिक उमापुर कलां व उमापुर खुर्द गांव की जनसख्या 1076 रही। वर्तमान में यह आंकड़ा 1442 के आसपास है और दोनों गांव में करीब 989 मतदाता है।
एसडीम से वार्ता विफल, डीएम बुलाने की मांग
उमापुर के बूथ संख्या 176 पर ब्रिज मांग को लेकर किए गये मतदान बहिष्कार की सूचना पर एसडीएम मेजा पहुंची। उनके अथक प्रयासों के बाद भी ग्रामीण मतदान के लिए तैयार नही हुए। ग्रामीणों का कहना है की डीएम के अश्वासन के बाद ही मतदान किया जायेगा।