प्रयागराज (राजेश सिंह)। सोमवार को जन्माष्टमी के अवसर पर राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित पांडुलिपियों की दुर्लभ चित्र प्रदर्शनी का आयोजन शंकराचार्य आश्रम आलोपी बाग प्रयागराज में किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन संस्कृति विभाग के पूर्व रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कर्म को महत्वपूर्ण बताया है। हम सभी को निष्ठा पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। प्रदर्शनी में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे श्री अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पांडुलिपियाँ अति महत्वपूर्ण है, और इसका संरक्षण हम सबके द्वारा किया जाना चाहिए क्योंकि संस्कृति, सभ्यता एवं धरोहरों की रक्षा पांडुलिपियों के माध्यम से ही किया जा सकता है। प्रयागराज के प्रमुख समाजसेवी अनिल कुमार गुप्ता अन्नू भइया ने बताया कि जो धर्म के मार्ग पर चलता है उसका विजय सुनिश्चित है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रदर्शनी ज्ञान वर्धक है। प्रदर्शनी में आये हुए अतिथियों का स्वागत हरिश्चन्द्र दुबे प्राविधिक सहायक संस्कृत ने किया। राकेश कुमार वर्मा ने संस्कृति विभाग द्वारा संचालित कार्यकलापों को बताया। ओंकारनाथ त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर अजय कुमार मौर्य, शशिकांत मिश्रा, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय गंगा नाथ परिसर प्रयागराज के पूर्व संग्रहालय अध्यक्ष रामकिशोर झा, योग समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, ब्रजमोहन, मोहम्मद शफीक, अभिषेक कुमार तथा शंकराचार्य आश्रम के अंतर्गत चलने वाले संस्कृत विद्यालय के बटुक विद्यार्थी भी उपस्थित रहे, उन्होंने कार्यक्रम में स्वस्तिवाचन किया।