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जीवन श्रेष्ठतम का संघर्ष है, उच्चतम वैचारिकी ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए: डॉ अविनाश कुमार श्रीवास्तव

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। चौधरी महादेव प्रसाद महाविद्यालय के ओल्ड आडीटोरियम में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित “मिशनशक्ति” अभियान में की नोट स्पीकर के रूप में बोलते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययन संस्थान के समन्वयक डॉ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सीखे हुए का प्रयोग राष्ट्र के लिए हम कैसे करें ? यह जानना ज़रूरी है। जीवन श्रेष्ठतम का संघर्ष है।उच्चतम वैचारिकी ही हमारा लक्ष्य होना चाहिये। मिशनशक्ति केवल हमारी मनोदशा में न हो हमारे व्यवहार में भी उतर कर आये। उन्होंने कहा कि नैतिकता स्वयं प्रयोज्य होनी चाहिए और शक्ति केवल भौतिक न हो इसका भी हमें इसका ध्यान रखना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. आर. सी. मिश्र ने कहा कि 2047 तक हमें विकसित भारत बनना है। हम पैंतालीस करोड़ युवा हैं। दुनिया में हमारी सबसे बड़ी संख्या है। ऐसे में हमें स्किल ओरिएंटेड होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसी स्किल और तकनीकी से ही हम न केवल विकसित बनेंगे बल्कि दुनिया में हमारी विजय पताका भी फहरायेगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि मिशनशक्ति जैसे अभियानों के लिए हमें आत्मअनुशासन के साथ आगे बढ़ना होगा। संस्कारित मन भी इसके लिए ज़रूरी है। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार जी ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेश कुमार यादव जी ने किया। इस अवसर पर डॉ. रितेश त्रिपाठी, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ. नंदनी रायजादा, डॉ. यशवंत कुमार, डॉ. रामचिरंजीव सहित बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे।

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