प्रयागराज (राजेश सिंह)। अखंड सौभाग्य का पर्व करवाचौथ रविवार को है। शनिवार की रात तक तैयारियां होती रहीं। व्रत के दिन बाजार जाने और भीड़-भाड़ से बचने के लिए सुहागिनों ने पूर्व संध्या पर ही मन पसंद कपड़ों के साथ शृंगार की चीजें खरीदीं। पूजा से संबंधित सामग्री भी खरीदी गई। करवा सजाने से लेकर खुद अपने सजना के लिए सजने संवरने की होड़ सी मची रही। सिविल लाइंस की सड़कों की पटरियों पर मेहंदी से हथेलियां सजाने के लिए सुहागिनों की भीड़ लगी रही।
मनपसंद और मैचिंग के लिए महिलाओं ने एक बाजार से दूसरे बाजार की ओर रुख किया। कोई साड़ी से मैचिंग चूड़ी तो कोई करवा खरीदते नजर आया। वहीं, घरों में भी पूजा स्थल की साफ-सफाई सहित पूजा की सामग्री जुटाई गई। चौक, कटरा, सिविल लाइंस में करवाचौथ से जुड़ी चीजों की दुकानें सजीं। यहां महिलाओं ने जमकर खरीदारी की।
हथेलियां रचाने को करती रहीं इंतजार
करवाचौथ पर हथेलियां रचाने को सुहागिनों में गजब का उत्साह रहा। आमतौर पर घरों में महिलाओं ने एक दूसरे को मेहंदी लगाई लेकिन कुछ अलग और बेहतर की आस में बड़ी संख्या में सुहागिनों ने बाजार का रुख भी किया। सिविल लाइंस में सुभाष चौराहे के दोनों तरफ मेहंदी लगवाने के लिए घंटों अपनी बारी का इंतजार करती रहीं। अलग-अलग दुकानों पर मेहंदी लगाने के लिए महिलाओं का जमावड़ा रहा।
सजने, संवरने के लिए जुटीं महिलाएं, ब्यूटी पार्लरों में वेटिंग
सुहागिनों के त्योहार करवा चौथ का क्रेज पर्व के एक दिन पहले खासा नजर आया। सौभाग्यवती महिलाएं सजना के लिए सजने की तैयारियों में दिन भर जुटी रहीं। पर्व का बाजार भी महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सजाया गया। पर्व को लेकर महिलाओं ने शनिवार को खूब खरीदारी की। शहर की साड़ियों की दुकानों पर भी रौनक रही। वहीं, ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं ने फेशियल, पेडिक्योर, हेयर स्पा तमाम तरह की चीजें करवाईं।
करवाचौथ पूजा का मुहूर्त
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत रखेंगी। करवा चौथ में निर्जला व्रत, गणेश पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पारण करके व्रत पूर्ण होगा। आचार्य डॉ. अमिताभ गौड़ ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 20 अक्तूबर को दिन में 10:46 बजे से लगेगी जो 21 अक्तूबर को दिन में नौ बजे तक रहेगी। चंद्रमा शाम को 7:40 बजे निकलेगा। इसके बाद चंद्रमा की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा।