प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाकुंभ-2025 में शाही स्नान की जगह राजसी स्नान की मांग अब सरकारी कार्यालयों तक भी पहुंच गई है। शासन की ओर से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है लेकिन कई कार्यालयों में इस आशय के पोस्टर लग गए हैं।
साधु-संत महाकुंभ में शाही की जगह राजसी स्नान तथा पेशवाई के स्थान पर छावनी प्रवेश किए जाने की मांग कर रहे हैं। कई संत शाही स्नान की जगह अमृत स्नान की भी बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि शाही और पेशवाई फारसी शब्द हैं, जबकि महाकुंभ में सनातन परंपरा के तहत शब्द होने चाहिए।
पिछले दिनों प्रयागराज आए मुख्यमंत्री के साथ बैठक में भी संतों ने यह मांग उठाई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव मांगा था। इसके अलावा कुछ दिनों पहले संतों का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में भी मुख्यमंत्री से मिला था और इस मुद्दे को उठाया था।
इस पर मुख्यमंत्री का सकारात्मक रुख रहा। ऐसे में अफसर मानकर चल रहे हैं कि महाकुंभ शाही एवं पेशवाई जैसे शब्द हटाए जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है। इसे देखते हुए तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
इसी क्रम में कई सरकारी कार्यालयों में महाकुंभ के स्नान की तारीखों से संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें शाही स्नान की जगह राजसी स्नान ही दर्ज किया गया है। इस तरह के पोस्टर कलेक्ट्रेट के कई कार्यालयों में भी लगे हैं।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि कुछ कार्यालयों ने अपने स्तर पर पोस्टल लगवाए होंगे। इसे लेकर अब तक कोई निर्देश नहीं आया है। डीएम रविंद्र कुमार मंदर का कहना है कि शासन का जो निर्देश होगा उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।