रामपुर। 16 माह से जेल में बंद अब्दुल्ला आजम की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल न्यायालय से उनके खिलाफ चल रहे सभी 42 मामलों में रिहाई के परवाने हरदोई जेल भेज दिए गए हैं।
दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में 18 अक्टूबर 2023 को न्यायालय ने सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में आजम खां सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि अब्दुल्ला हरदोई जेल में बंद हैं। डा. तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद थी, जो सात माह 11 दिन बाद जमानत पर बाहर आ गई थीं। आजम खां और अब्दुल्ला अभी भी जेल में बंद हैं।
पिछले दिनों शत्रु संपत्ति खुर्द बुर्द करने के एक मामले में तीनों को आरोपित बनाया गया था। यह मामला रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को दर्ज कराया गया था।
इसमें पहले आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला का नाम प्रकाश में आया था। हालांकि उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी। मामला शासन तक पहुंचा, जिस पर शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा दी थी। साथ ही दोबारा विवेचना कराई गई। विवेचना शहर कोतवाली प्रभारी नवाब सिंह ने की थी। उनकी विवेचना के बाद न्यायालय में जौहर ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों को इसमें आरोपित बनाया था।
इसके बाद आजम खां की पत्नी और दोनों बेटों को इसमें जमानत करानी पड़ी थी। इस मामले में 18 फरवरी को जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद अब्दुल्ला की रिहाई का भी रास्ता साफ हो गया था। आजम खां के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने बताया कि अब अब्दुल्ला को सभी 42 मामलों में जमानत मिल चुकी है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने अब्दुल्ला की रिहाई के लिए पुलिस और तहसील से तस्दीक रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट पेश होने के बाद न्यायालय ने अब्दुल्ला के रिहाई के परवाने हरदोई जेल भेज दिए हैं। अब्दुल्ला मंगलवार को रिहा हो सकते हैं।