कुंभ नगर (राजेश शुक्ल)। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अस्थाई रूप से टेंट में बने केंद्रीय अस्पताल ने दो नए रिकार्ड बनाए हैं। इसमें संचालित छावनी परिषद सामान्य अस्पताल के आइसीयू में माघी पूर्णिमा की शाम तक 500 गंभीर रोगियों का उपचार किया गया, इनमें 200 से अधिक ऐसे लोग रहे जिनकी जान पर बड़ा खतरा था।
इस आइसीयू के संचालन में निर्देशन डा. वैशाली सिंह का रहा। जबकि पहली बार ऐसा हुआ है कि महाकुंभ में 13 बच्चों का जन्म हुआ। योगी सरकार की उपलब्धियों में यह दो रिकार्ड भी शामिल हुए हैं। केंद्रीय अस्पताल के आइसीयू में 12 फरवरी तक 537 मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया। इनमें केवल 37 को रेफर करके स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय भेजा गया। जबकि 14 मरीज ऐसे रहे जिनके स्वजन उपचार की प्रक्रिया के बीच में ही अस्पताल से छुट्टी कराकर उन अस्पतालों में ले गए जहां उनका उपचार पहले से चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि टेंट में बने आइसीयू में इतनी अधिक जान बचाई गई, ऐसा किसी भी अन्य कुंभ में नहीं हुआ। वहीं केंद्रीय अस्पताल में 11 और सेक्टर अस्पतालों में दो बच्चों का जन्म हुआ। महिला डाक्टरों ने इनके सामान्य प्रसव कराए।
योगी सरकार ने महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत एयर (हवाई) एंबुलेंस की व्यवस्था की है। इससे अब तक दो मरीजों को लाभ दिया गया। अस्पताल के पंजीकरण पर्चे के आधार पर ही इन्हें दिल्ली भेजा गया। हालांकि इसके लिए मेलाधिकारी और अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अनुमति रही। एयर एंबुलेंस बमरौली हवाई अड्डे पर 26 फरवरी तक रहेगी। महाकुंभ में दो बड़े रिकार्ड बने हैं। सवा महीने में 13 बच्चों के जन्म हुए, यह विशेष उपलब्धि है क्योंकि आमतौर पर महिलाओं का प्रसव कराने के लिए बड़े चिकित्सा संसाधन की जरूरत होती है। अस्पताल अस्थाई रूप से ही बना है फिर भी आइसीयू में 500 गंभीर रोगियों को स्वस्थ कर जान बचा लेना बड़ी बात है। -डा. राकेश शर्मा, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
पैथालाजी में उपलब्ध कराई अत्याधुनिक सुविधाएं
केंद्रीय अस्पताल की पैथालाजी में जांच की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें जांच रिपोर्ट मरीज के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजने की व्यवस्था है। पैथालाजी में 56 तरह की जांच की जा रही है।