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550 किमी की दूरी तय कर पैदल महाकुंभ पहुंच रहे श्श्रीराम और लक्ष्‍मण

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कुम्भनगर (राजेश शुक्ल)। अलीगढ़ से सगे भाई अंकित और रितिक राम और लक्ष्मण की वेशभूषा में लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय कर गुरुवार को बौद्धनगरी पहुंचे। यहां से प्रयागराज की दूरी करीब 60 किमी है। वह प्रयागराज में महाकुंभ स्‍नान भी करेंगे।  

वहीं कौशांबी में अजुहा से लेकर संदीपनघाट तक स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर देश-विदेश में काफी उत्साह है। दुनियाभर से श्रद्धालु इस पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। इन श्रद्धालुओं में अलीगढ़ के अंकित व रितिक भी शामिल है। अंकित श्रीराम की वेश में हैं और छोटा भाई रितिक लक्ष्मण की वेश धारण किए हैं। सगे भाइयों का मुख्य उद्देश्य संगम में आस्था की डुबकी लगाना है। बताया कि महाकुंभ के बाद वे अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के दर्शन भी करेंगे। यह पदयात्रा केवल आस्था का प्रदर्शन नहीं है। इसके माध्यम से वे सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस यात्रा से रामराज्य की ओर बढ़ रहे देश में एकजुटता का संदेश जाएगा।

महाकुंभ में विदेशी सैलानियों को मिली भारतीय संस्कृति की नई ऊर्जा

महाकुंभ नगर रू महाकुंभ पहुंच रहे विदेशी सैलानी व्यवस्थाओं से काफी प्रभावित हैं। अग्नि अखाड़े के सचिव महामंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया कि इस बार कई देशों से विदेशी पर्यटक प्रयागराज आए हैं। वे महाकुंभ की व्यवस्थाओं और सनातन संस्कृति का गहराई से अध्ययन करने भी आ रहे हैं। अफ्रीका के घाना से आए जितेंद्र सिंह नेगी (उच्चायोग अफेयर्स, घाना) ने बताया कि उनके पूर्वज भारत से घाना गए थे और पहली बार प्रयागराज आकर उन्हें सनातन धर्म की अद्भुत जानकारी मिली। उन्होंने कहा, ष्हमने पहली बार गुरुजी से मुलाकात की और सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझा। हमारे साथ 16 अन्य प्रतिनिधि भी आए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से जाना। इसी क्रम में विदेशी सैलानी ने कहा, ष्हमने महाकुंभ के बारे में जो सुना था, उससे कहीं अधिक यहां आकर देखा और महसूस किया। व्यवस्थाओं की सुगमता और संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने हमें नई अनुभूति दी है। प्रशासन के अनुसार महाकुंभ में 50 से अधिक देशों के सैलानी आ चुके हैं।

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