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ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, दस गुना दाम में बिका गुलाब

 

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मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी की लीला निराली है तो उनके भक्तों की भक्ति भी अद्भुत है। ठाकुर बांकेबिहारी के भक्त उन्हें कभी भाई मानते हैं तो कभी अपना संरक्षक मानकर परिवार और राष्ट्र की उन्नति की कामना करते हैं। 

होली पर भक्तों में सखा भाव उत्पन्न होता है। कोई भी पर्व-उत्सव हो, हर पर्व-उत्सव ठाकुर बांकेबिहारी के साथ मनाने की इच्छा पाले देश दुनिया के श्रद्धालु वृंदावन पहुंच ही जाते हैं। आज वैलेंटाइन डे है, तो भक्त पीछे कैसे रहते। महिलाओं, युवतियों ने अपने आराध्य बांकेबिहारी जी को गुलाब का फूल अर्पित कर अपना वैलेंटाइन चुना।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार को वैलेंटाइन डे पर सुबह से ही दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में भक्त दर्शन को आए तो अनेक महिलाओं और युवतियों ने आराध्य को गुलाब का फूल अर्पित कर अपना वैलेंटाइन चुना। फरीदाबाद की शोभा खत्री, अमृतसर की नीता अरोड़ा ने ठाकुरजी को गुलाब का फूल अर्पित किया। महिलाओं कहना था कि हमारे लिए तो बांकेबिहारी ही सबकुछ हैं। संकट में बांकेबिहारी हमारी रक्षा करते हैं तो वो हमारे संरक्षक पिता की भूमिका निभाते हैं। 

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भाई की कमी राखी बंधवाकर करते हैं। आज वैलेंटाइन डे पर हमने उनको अपना वैलेंटाइन चुना, ताकि वो सदा ही हमारे साथ रहें और हमारी रक्षा के साथ समृद्धि प्रदान करें। इसी तरह सुबह से ही मंदिर में ठाकुरजी को गुलाब का फूल अर्पित करने वाले महिलाओं, युवतियों की लंबी कतार लगी रही।

200 रुपये में बिका गुलाब का एक फूल

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के आसपास तमाम लोग गुलाब का फूल बेच रहे थे। वैलेंटाइन डे के दिन गुलाब का फूल 200 रुपये में बिका, जबकि सामान्य दिनों में इसकी कीमत 10 से 20 रुपये ही रहती है। फूलमाला विक्रेताओं ने कई गुणा कीमत में फूल बेचकर खूब कमाई की। शाम तक इनकी खूब बिक्री हुई। सनातन संस्कृति में वैलेंटाइन डे मनाना उचित नहीं है। लेकिन, जब दुनिया इस दिन को मना रही है और हर कोई अपना वैलेंटाइन चुन रहा है तो मेरे लिए तो सबकुछ मेरे बांकेबिहारी हैं। ऐसे में उन्हें ही अपना वैलेंटाइन चुनकर जीवन उनके पर छोड़ दिया है। जब भी संकट आएगा वे मेरी रक्षा वही करेंगे। -प्रीति, बरेली

कई दिन पहले ही मैंने तय कर लिया था, कि इस बार अपना वैलेंटाइन चुनूंगी। लेकिन, किसे चुनूं ये तय नहीं कर पा रही थी। अचानक मन में आया कि बांकेबिहारी से बड़ा मेरे लिए और कोई वैलेंटाइन नहीं होगा। इसलिए ठाकुरजी को गुलाब अर्पित करके वैलेंटाइन चुना है। -नंदिनी, उदयपुर

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