नई दिल्ली। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। एन बीरेन सिंह ने पहले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद भाजपा के पूर्वाेत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने पार्टी विधायकों के साथ कई दौर की चर्चा की है। हालांकि, राज्य का अलगा सीएम कौन होगा, इस बात का अब तक फैसला नहीं हो सका है। इसी बीच कांग्रेस ने मणिपुर के हालात को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा, आपकी पार्टी ही 11 साल से केंद्र में शासन कर रही है। यह आपकी पार्टी है जो 8 साल तक मणिपुर पर शासन कर रही थी। यह भाजपा ही है जो राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थी। यह आपकी सरकार है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा गश्ती के लिए जिम्मेदार है। आपके द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाना, अपनी ही पार्टी की सरकार को निलंबित करना इस बात की सीधी स्वीकारोक्ति है कि आपने मणिपुर के लोगों को कैसे विफल किया।
खरगे ने आगे लिखा,ष्आपने राष्ट्रपति शासन इसलिए नहीं लगाया क्योंकि आप ऐसा चाहते थे, बल्कि इसलिए लगाया क्योंकि राज्य में संवैधानिक संकट है, क्योंकि आपका कोई भी विधायक आपकी अक्षमता का बोझ स्वीकार करने को तैयार नहीं है। आपका ष्डबल इंजनष् मणिपुर की निर्दाेष जनता की जान पर बन आया! अब समय आ गया है कि आप मणिपुर में कदम रखें और पीड़ित लोगों के दर्द और आघात को सुनें और उनसे माफी मांगें। क्या आपमें दृढ़ विश्वास का साहस है?
मणिपुर की जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते पीएम मोदीः राहुल गांधी
वहीं, राहुल गांधी ने भी मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ष्मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना भाजपा द्वारा मणिपुर में शासन करने में उनकी पूर्ण अक्षमता की देर से स्वीकारोक्ति है। राहुल गांधी ने आगे कहा,ष्अब पीएम मोदी मणिपुर के लिए अपनी सीधी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते। क्या उन्होंने अंततः राज्य का दौरा करने और मणिपुर और भारत के लोगों को शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी योजना समझाने का मन बना लिया है? मणिपुर की जनता आपको और आपकी पार्टी को माफ नहीं करेगी।
कांग्रेस ने मणिपुर की राजनीतिक हालात पर क्या कहा?
कांग्रेस विधायक थोकचोम लोकेश्वर ने संबित के राज्य दौरे के उद्देश्य पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों से चर्चा कर संबित को नए सीएम की नियुक्ति में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। बताते चलें कि 12वीं मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र 12 अगस्त 2024 को संपन्न हुआ था, जबकि 10 फरवरी से शुरू होने वाले सातवें सत्र को राज्यपाल निरस्त कर चुके हैं।