कुंभ नगर (राजेश शुक्ल)। सोमवार को संगम जाने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गए। अमृतमयी त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी के लिए एक लय में रात तक भक्ति की लहरें हिचकोले खाती रहीं। मेला प्रशासन ने शाम आठ बजे तक 1.35 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया।
महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए आस्था का भक्ति का प्रवाह लगातार तेज होता जा रहा है। सोमवार की देर शाम संगम पर फिर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। दिन रात रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर आस्थावानों का तांता लगा रहा। संगम जाने वाली सड़कों पर हर तरफ जन ज्वार नजर आने लगा।
सोमवार को संगम जाने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गए। अमृतमयी त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी के लिए एक लय में रात तक भक्ति की लहरें हिचकोले खाती रहीं। मेला प्रशासन ने शाम आठ बजे तक 1.35 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया। अब तक के महाकुंभ में कुल 54.31 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
प्रयागराज जंक्शन के सभी 10 प्लेटफार्मों पर तिल रखने की जगह नहीं बची तो घंटे-घंटे भर के लिए इस रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का प्रवेश रोका जाने लगा। सभी रूटों को वन वे करना पड़ गया। अंदावा, नैनी और फाफामऊ के अलावा कोखराज के रूट पर तीन चरणों में बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित किया जाने लगा। मेला प्रशासन की ओर से घाटों पर भीड़ न लगाने की लगातार अपील की जाती रही।
संगम के घाटों पर हर तरफ स्नानार्थी ही नजर आ रहे थे। सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए लोग संगम की ओर बढ़ते रहे। रास्ते भर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष के बीच दिन भर डुबकी लगती रही। भीड़ के बीच संगम जाने वाले मार्गों पर शहर के लोगों ने भी श्रद्धालुओं की मदद और सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसर अतिरिक्त सजगता बरत रहे हैं। आस्था - भक्ति की लहरों के बीच संगम से शहर तक कहीं तिल रखने की जगह नहीं बची। सड़कें पैक हुईं तो संगम की राह पकड़ने के लिए लोगों ने गलियों का रुख कर लिया।