लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री में भावनात्मक संवेदना नहीं हैं। वे अमर्यादित और अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग करते हैं। पीड़ित, दुखी लोगों को अपमानित करना उनका स्वभाव है। आस्था को व्यापार बना दिया है। दान, पुण्य, सेवा का कुंभ उनके लिए तीन लाख करोड़ का कारोबार बन गया है।
अखिलेश ने कहा कि सत्ता के अहंकार में भाजपा सरकार ने किसानों, नौजवानों, महिलाओं, व्यापारियों, विपक्षी नेताओं सहित हर किसी को अपमानित-बदनाम करने का अभियान चलाया। अब तो मुख्यमंत्री महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों के परिवारों को भी नहीं छोड़ रहे।
कहा कि मदद के बजाय अपमानित कर उनका दर्द और बढ़ा रहे हैं। सरकार का व्यवहार तानाशाही का है। लोगों को स्वतंत्र रूप से बोलने-लिखने का अधिकार नहीं रह गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की रिकॉर्ड हार होगी।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हर सरकार ने महाकुंभ कराया, लेकिन भाजपा के लोग समझते हैं कि सिर्फ इन्होंने यह आयोजन कराया है। सपा सरकार ने 2013 में भव्य और शानदार आयोजन किया था। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की टीम ने उसके प्रबंधन और व्यवस्थाओं की सराहना की थी। अखिलेश ने लोगों के स्नान से वंचित होने का हवाला देकर महाकुंभ का समय बढ़ाने की मांग फिर दोहराई। इस दौरान मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट पर अर्थव्यवस्था पर भी प्रश्न उठाए। लिखा कि शेयर बाजार गिरने के कारण यदि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं तो ये दर्शाता है कि उनका वर्तमान अर्थव्यवस्था से भरोसा उठ गया है।
एक अर्थ ये भी निकलता है कि स्थानीय उद्योग व उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जनता पर पैसों की कमी के कारण आंतरिक मांग लगातार घट रही है। कंपनियों के मुनाफे में से भाजपा सरकार की चंदा वसूली भी बाजार को हतोत्साहित कर रही है, जिसका नकारात्मक असर शेयर मार्केट पर पड़ रहा है।