नई दिल्ली। भारत ने यूएन मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मदद पर फलने फूलने वाला एक फेल देश है।
दरअसल, पाकिस्तान ने कश्मीर राग अलापा था, जिसका भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने यूएन में मुहतोड़ जवाब दिया। पाक को दिए जवाब के बाद क्षितिज त्यागी काफी चर्चा में हैं। आइए जानें उनके बारे में...
पाक को जमकर सुनाया
क्षितिज ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि ये देश किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उसकी नीतियां मानवाधिकारों के हनन, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बनी हैं।
कौन हैं क्षितिज त्यागी?
जिनेवा में पाकिस्तान पर जमकर हमला बोलने वाले क्षितिज त्यागी इंजीनियर से राजनयिक बने हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उसी संस्थान से थर्मल एनर्जी और पर्यावरण इंजीनियरिंग में एमटेक किया।
इसके बाद उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी जोन्स लैंग लासेल में काम किया। यहां उनकी पोस्ट बिजनेस एनालिस्ट की थी, जहां उन्होंने 2007 से 2010 तक लगभग तीन साल काम किया। भारत सरकार के साथ वो अप्रैल 2010 में जुड़े, जब वे एक वैज्ञानिक के तौर पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में शामिल हुए।
उन्होंने 2012 में देश की सबसे कठिन भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले दो साल से अधिक समय तक वहां काम किया।
ऐसे बने भारतीय राजनयिक
इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के तौर पर प्रशिक्षण लेने के बाद क्षितिज दिल्ली में विदेश सेवा संस्थान में शामिल होकर भारतीय राजनयिक बने।
क्षितिज की पहली पोस्टिंग पुर्तगाल के लिस्बन में भारतीय दूतावास में 2014 में हुई। यहां उन्होंने एक साल और सात महीने तक काम किया। इसके बाद वो दिसंबर 2015 में ब्राजील में भारतीय दूतावास में गए और फिर 2018 में मिस्र में भारत के प्रथम सचिव के रूप में उनका प्रमोशन हुआ।
पाक पर और क्या बोले क्षितिज
संयुक्त राष्ट्र में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद पाकिस्तान पर हमला करते हुए त्यागी ने कहा, ष्यह देखना दुखद है कि पाकिस्तान के तथाकथित नेता और प्रतिनिधि अपने सैन्य आतंकवादी परिसर द्वारा फैलाए गए झूठ को कर्तव्यनिष्ठा से फैलाना जारी रखते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और रहेंगे।