कायेस ने कहा, भारतीय टीम काफी मजबूत है और उसके पास बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण और बल्लेबाजी क्रम है, लेकिन बुमराह टीम में नहीं हैं। हम सभी को पता है कि पिछले दो साल में उसने भारतीय क्रिकेट के लिए क्या किया है। उनकी अनुपस्थिति से बांग्लादेश को लाभ मिलेगा।
शमी की वापसी बड़ी बात
साथ ही कायेस ने कहा कि मोहम्मद शमी की वापसी बड़ी बात है। वह इस समय फिटनेस समस्या से जूझ रहा है लेकिन लय हासिल करने पर वह बांग्लादेश के लिए बड़ा खतरा होंगे। बांग्लादेश की संभावनाओं पर कायेस ने कहा, शाकिब की कमी टीम को खलेगी क्योंकि वह शानदार खिलाड़ी है। किसी भी मैच में उसका योगदान काफी रहता है। इस समय बांग्लादेश की टीम संघर्ष कर रही है क्योंकि अगर शाकिब नहीं खेलता है तो उन्हें एक अतिरिक्त स्पिनर उतारना होगा।ष्
शमी से उम्मीद
शमी के दाहिने हाथ में जादूगर सा फन है और अपनी कलाई के झटके से वह दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों को चकमा दे सकते हैं लेकिन क्या वह इस जादू से भारत को 12 साल बाद आईसीसी चौंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद कर सकते हैं? प्रशंसकों को उम्मीद है कि शमी इस टूर्नामेंट में भारत को बुमराह की कमी महसूस नहीं होने देंगे। बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हैं। वैसे शमी की तैयारियों को लेकर काफी चिंताएं भी हैं। भारतीय टीम को दुबई में बांग्लादेश के विरुद्ध 20 फरवरी को पहला मैच खेलना है। 34 वर्षीय शमी चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न स्तरों और अलग अलग प्रारूप में कुछ मैच खेले हैं लेकिन बड़े टूर्नामेंट में अपेक्षाओं पर खरे उतरने का दबाव अलग होता है।
बढ़ जाएगा दबाव
ऐसे में बुमराह की अनुपस्थिति में उन पर दबाव और बढ़ जाएगा। चौंपियंस ट्रॉफी में शमी के साझेदार अर्शदीप सिंह होंगे लेकिन वह बुमराह की श्रेणी के गेंदबाज नहीं हैं। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी का मानना है कि शमी के पास काफी अनुभव है और वह इस चुनौती का सामना कर लेंगे। बालाजी ने कहा, ष्उसने 2019 वनडे विश्व कप और पिछले विश्व कप 2023 में बुमराह से बेहतर गेंदबाजी की थी। बुमराह विभिन्न प्रारूपों में चौंपियन गेंदबाज हैं, लेकिन शमी के पास अनुभव है और बुमराह के आने से पहले भारत के आक्रमण की जिम्मेदारी उसी पर थी। अगर भारत को अच्छा प्रदर्शन करना है तो शमी को नई गेंद से कमाल करना होगा।ष्
उन्होंने कहा, हले छह ओवर में नई गेंद से प्रदर्शन भारत के लिए काफी मायने रखेगा। अगर वह शुरुआती कामयाबी दिला सका तो भारत का मनोबल काफी बढ़ेगा। शमी की जिम्मेदारी विकेट लेना की ही नहीं बल्कि अर्शदीप और हर्षित राणा जैसे गेंदबाजों का मागदर्शन करने की भी होगी। बालाजी ने कहा, ष्शमी इस समय गेंदबाजों का अगुआ है। पिछले 12 साल में टेस्ट क्रिकेट में विशेष तौर पर उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। अब दूसरे गेंदबाजों के मार्गदर्शक के तौर पर वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है।