Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों के सिर पर नहीं थी पगड़ी, सिख समुदाय नाराज

 

sv news

नई दिल्ली। अमेरिका से निकाले गए 116 भारतीयों को लेकर विमान अमृतसर पहुंचा। इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने रविवार को अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी निंदा की, क्योंकि  उन्होंने अमेरिका से लाए गए अवैध भारतीय प्रवासियों के दूसरे जत्थे में शामिल सिख निर्वासितों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी।

एसजीपीसी का यह बयान सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद आया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने रविवार को अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी निंदा की, क्योंकि उन्होंने अमेरिका से लाए गए अवैध भारतीय प्रवासियों के दूसरे जत्थे में शामिल सिख निर्वासितों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी। अमृतसर हवाई अड्डे पर अपनी आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करते समय सिख निर्वासितों को बिना पगड़ी के दिखाया गया है।

किन लोगों को किया गया था डिपोर्ट?

निर्वासितों के नए जत्थे में पंजाब के 65, हरियाणा के 33 और गुजरात के आठ अप्रवासी शामिल थे। शनिवार रात को निर्वासितों के लिए श्लंगरश् और बस सेवा प्रदान करने के लिए हवाई अड्डे पर तैनात एसजीपीसी के अधिकारियों ने सिख निर्वासितों को (पगड़ी) पहनाई।

हाथों में हथकड़ी, पैरों में जंजीर

116 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान शनिवार देर रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा, जिसमें से एक निर्वासित ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी लगाई गई और उनके पैरों में जंजीरें बांध दी गईं।  निर्वासित सिखों में से एक ने यह भी दावा किया कि जब वे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरे तो उन्होंने पगड़ी नहीं पहनी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब वे अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए तो उनसे पगड़ी उतारने को कहा गया। एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से कथित तौर पर उन्हें पगड़ी नहीं पहनने देने की निंदा की।

उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि निर्वासित लोगों को बेड़ियों में बांधकर लाया गया और निर्वासित सिखों ने पगड़ी नहीं पहनी हुई थी। ग्रेवाल ने कहा कि एसजीपीसी जल्द ही अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगी। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी निर्वासित सिखों को बिना पगड़ी के भेजने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की। उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले को तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाने का आग्रह किया ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad