नई दिल्ली। चोटिल यशस्वी जायसवाल का मुंबई की टीम से बाहर रहना लगभग तय है लेकिन इसके बावजूद गत चौंपियन टीम सोमवार से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में विदर्भ के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी। यशस्वी अपनी चोट के आगे के आकलन के लिए जल्द ही बेंगलुरु स्थित बीसीसीआइ के उत्कृष्ट केंद जा सकते हैं क्योंकि उन्हें भारत की चौंपियंस ट्राफी टीम में नान ट्रेवलिंग रिजर्व खिलाड़ी के रूप में रखा गया है।
यशस्वी की अनुपस्थिति किसी भी तरह से मुंबई की ताकत को कम नहीं करती हैं। यह मुकाबला पिछले साल के फाइनल की पुनरावृत्ति है जिसमें मुंबई ने विदर्भ को हराकर खिताब जीता था। मुंबई के पास कप्तान अजिंक्य रहाणे, सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे और शार्दुल ठाकुर जैसे कई स्टार खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं। कुछ शानदार खिलाड़ियों की मौजूदगी से कहीं अधिक यह 42 बार की चौंपियन टीम का दृढ़ संकल्प है जो उसे एक अलग पहचान दिलाता है।
दूसरी तरफ विदर्भ की टीम शानदार फार्म में है। उनके गेंदबाजी आक्रमण में बड़े नाम नहीं हैं लेकिन हर्ष दुबे, यश ठाकुर, आदित्य ठाकरे और नचिकेत भूट ने विदर्भ के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। बाएं हाथ के स्पिनर दुबे मौजूदा रणजी सत्र में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं जिन्होंने 59 विकेट चटकाए हैं।
गुजरात का पलड़ा भारी
पूर्व चौंपियन और मेजबान गुजरात अपने आक्रामक खेल और मजबूत बल्लेबाजी के कारण केरल के विरुद्ध सोमवार से अहमदाबाद में होने वाले रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा। गुजरात 2016-17 का चौंपियन है लेकिन वह 2019-20 के सत्र के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा है। उसने राजकोट में खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच में सौराष्ट्र को पारी और 98 रन से करारी शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
गुजरात की सेमीफाइनल तक की राह में उसके मध्यक्रम के बल्लेबाजों मनन, जयमीत पटेल और विकेटकीपर उर्विल पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहां तक सचिन बेबी की अगुआई वाली केरल की टीम का सवाल है तो उसके लिए अभी तक का सफर काफी भावनात्मक रहा है। उसने क्वार्टर फाइनल में जम्मू कश्मीर पर पहली पारी में एक रन की बढ़त हासिल करने के दम पर दूसरी बार सेमीफाइनल में जगह बनाई है।