नई दिल्ली। सैमसन को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए नहीं चुना गया था क्योंकि उन्होंने राज्य की टीम के ट्रेनिंग शिविर में हिस्सा नहीं लिया था। इसके बाद थरूर के गंभीर आरोपों पर केसीए अध्यक्ष जयेश जॉर्ज की प्रतिक्रिया आई थी। अब इस विवाद में श्रीसंत भी कूद पड़े हैं।
संजू सैमसन और केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के बीच विवाद में अब श्रीसंत भी कूद पड़े हैं। उन्होंने सैमसन को घरेलू टूर्नामेंट के मैच में नहीं खेलने देने पर केरल क्रिकेट संघ की आलोचना की है। हालांकि, केसीए ने भी उनको पलटकर जवाब दिया है। दरअसल यह विवाद जनवरी में शुरू हुआ था जब उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले के लिए केरल की टीम में नहीं चुना गया था। इसके बाद केरल की टीम को हार का सामना करना पड़ा था। इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की भी प्रतिक्रिया आई थी और उन्होंने चौंपियंस ट्रॉफी की टीम में सैमसन के न चुने जाने के लिए केसीए को जिम्मेदार ठहराया था।
श्रीसंत ने केसीए पर लगाए गंभीर आरोप
श्रीसंत ने मामले को लेकर ओनमनोरमा से कहा, श्केसीए केरल की टीम में खेलने के लिए अन्य राज्यों से खिलाड़ियों को लाते हैं। वे ऐसा क्यों करते हैं? हमारे मलयाली क्रिकेटरों के लिए अपमानजनक है। हमारे पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक खिलाड़ी है, संजू। आइए हम सभी उसका समर्थन करें। तथाकथित केसीए ने सैमसन के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं बनाया है। हमारे पास सचिन, निधिश, विष्णु विनोद और कई अन्य शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन क्या वे उन्हें उच्च स्तर पर खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं?
केसीए ने श्रीसंत को दिया जवाब
इस पर केसीए ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, श्जब श्रीसंत मैच फिक्सिंग मामले में आरोपों का सामना करते हुए जेल में थे, तो केसीए के अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और उनका समर्थन किया था। हालांकि, अदालत ने आपराधिक मामले को खारिज कर दिया, लेकिन सच यह है कि उन्हें मैच फिक्सिंग मामले में बरी नहीं किया गया है। इस स्थिति में श्रीसंत को अन्य खिलाड़ियों की सुरक्षा करने की परवाह करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह केवल केसीए के सुरक्षात्मक दृष्टिकोण के कारण था कि श्रीसंत को अपनी सजा पूरी करने के बाद रणजी ट्रॉफी सहित मैचों में अवसर दिए गए थे।श्
सैमसन के मामले ने तूल पकड़ा था
सैमसन को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए नहीं चुना गया था क्योंकि उन्होंने राज्य की टीम के ट्रेनिंग शिविर में हिस्सा नहीं लिया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर केरल क्रिकेट संघ को घेरा था और उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। थरूर ने बताया कि कैसे सैमसन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी (टभ्ज्) के बीच में प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने में असमर्थता के बारे में केसीए को पहले ही सूचित कर दिया था।
थरूर ने केसीए पर लगाए थे गंभीर आरोप
थरूर ने एक्स पर लिखा था, श्केरल क्रिकेट एसोसिएशन और संजू सैमसन की दुखद गाथा। सैमसन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट के बीच प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने में असमर्थता पर खेद व्यक्त करते हुए केसीए को पहले ही लिखा था और इसके बाद वह तुरंत केरल की टीम से बाहर कर दिए गए। इसके चलते अब सैमसन को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया है। एक बल्लेबाज जिसका विजय हजारे में उच्चतम स्कोर 212’ है, जिसका भारत के लिए वनडे मैचों में औसत 56.66 है (जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसकी आखिरी पारी में शतक भी शामिल है), क्रिकेट प्रशासकों के अहंकार के कारण उसका करियर नष्ट हो रहा है। क्या केसीए मालिकों को यह बात परेशान नहीं करती कि संजू को बाहर करके उन्होंने यह सुनिश्चित कर दिया कि केरल विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में भी न पहुंचे? यह उन्हें कहां ले जाएगा?
केसीए अध्यक्ष ने बताई पूरी कहानी
इसके बाद केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के अध्यक्ष जयेश जॉर्ज ने संजू सैमसन की आलोचना की थी। केसीए अध्यक्ष ने दावा किया कि सैमसन ने उन्हें एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि वह ट्रेनिंग कैंप के लिए वहां नहीं होंगे, जिसके बाद बोर्ड को उनसे आगे बढ़ने और टीम की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने मीडिया वन से कहा, श्उन्हें विजय हजारे टीम में इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि उन्होंने एक पंक्ति का संदेश भेजकर कहा था कि वह 30 सदस्यीय तैयारी शिविर के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। हम सभी को लगा था कि वह टीम का नेतृत्व करेंगे क्योंकि वह हमारे सफेद गेंद प्रारूप के कप्तान हैं और उन्होंने सैयद मुश्ताक अली सीजन में भी नेतृत्व किया था।
जॉर्ज ने बताया कि जब टीम का चयन हो गया तो सैमसन ने बाद में फिर उन्हें जवाब दिया कि वह चयन के लिए तैयार हैं। यह केसीए की नीतियों के खिलाफ है। केसीए अध्यक्ष ने कहा कि सैमसन का जब मन करे तब वह राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। सैमसन को पता होना चाहिए कि केसीए के जरिये ही उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली है। जॉर्ज ने कहा, श्इसलिए हम उनसे आगे बढ़े और टीम घोषित की और बाद में उन्होंने फिर संदेश भेजकर कहा कि वह चयन के लिए उपलब्ध हैं।
जॉर्ज ने कहा, संजू सैमसन हों या कोई अन्य खिलाड़ी, केसीए की अपनी नीति है जिसका सभी को सम्मान करने की जरूरत है। हम सभी जानते हैं कि संजू को टीम में आने के लिए शिविर की आवश्यकता नहीं है, लेकिन क्या केरल की टीम की नीति ऐसी है? क्या हमारी नीति ऐसी है कि उन्हें जब मन करे वह तब आकर प्रतिनिधित्व कर सकते हैं? सैमसन भारतीय टीम तक कैसे पहुंचे? यह केवल केसीए के जरिये था। इसका मतलब यह नहीं है कि आप तभी मैदान पर उतरें जब आपका मन करे।