श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस उमड़ा श्रोताओं का जनसैलाब
मेजा, प्रयागराज (राजेश शुक्ल/विमल पाण्डेय)। नंद बाबा के यहां लल्ला के जन्म पर दो लाख गायों को दान दिया गया। बरसाने की गोपियों में भी उत्साह दिखा, गोकुल में छह माह तक नंदोत्सव चलता रहा। उक्त बातें श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस शनिवार को वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास आचार्य पंडित अजय कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने उरुवा विकास खंड अंतर्गत सोरांव-पांती गांव निवासी मुख्य यजमान पूर्व प्रधान श्रीमती कुसुम शुक्ला पत्नी शशिकांत शुक्ल के आवास पर चल रहे श्री मद्भागवत कथा के पंचम दिवस कथा के दौरान उपस्थित मुख्य यजमान और श्रोताओं के समक्ष कही।
शनिवार को भागवत भगवान् की आरती के पश्चात संगीतमयी कीर्तन का रसपान कराते हुए शास्त्रीजी ने कहा कि शुकदेव महाराज ने राजा परिक्षित को बताया कि रोहिणी देवी सात दिन बाद नंद के घर पहुंच श्रीकृष्ण को गोद में लेकर लाड़-प्यार बरसाने लगी। वसुदेव और नंद का मार्मिक कथा का श्रवण पान कराया।
उधर मथुरा का राजा कंश, कृष्ण को मारने का उपाय करने लगा। कंश ने पूतना राक्षसी को सातवें दिन श्रीकृष्ण को मारने के लिए गोकुल भेजा। पूतना गोकुल पहुंच गई। श्री कृष्ण ने पूतना का स्तनपान करते हुए उसके प्राणों का पान कर मुक्ति प्रदान की। श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए भगवान भोलेनाथ गोकुल पहुंच गए, यशोदा माता से दर्शन के लिए विनती करने लगे लेकिन माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को बाहर नहीं निकाली और न ही दर्शन कराया। भोलेनाथ के वापस जाते ही श्रीकृष्ण रुदन करने लगे। गोपियों के कहने पर भोलानाथ पुनः नंद के भवन पहुंचे और कृष्ण को गोद में लेते ही श्रीकृष्ण खेलने लगे। भगवान शिव की प्रेरणा से माता यशोदा ने नंदेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया।
कंश ने कृष्ण को पुनः मारने के लिए तृणावर्त राक्षस को भेजा। श्रीकृष्ण ने तृणावर्त का उद्धार किया। कथा के दौरान कुलगुरु पंडित दिनेश कुमार पांडेय, पुरोहित पंडित सुरेश चंद्र शुक्ल, देवरहा बाबा आश्रम से अशोक प्रपन्नाचार्य के नेतृत्व में संगीतमयी कथा शुभारम्भ हुआ। कथा के दौरान नेब्बू लाल मिश्र उर्फ डाढ़ी बाबा, रामचंद्र शुक्ल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी शंकर उर्फ लल्लन शुक्ल, रमेश ओझा, रामभवन द्विवेदी, बालकृष्ण शुक्ल, सबल तिवारी, प्रेम शंकर मिश्र, सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुषों ने कथा श्रवण किया। पंचम दिवस की कथा विराम के पश्चात आयोजक शिवाकांत शुक्ल, विमल कांत शुक्ल, विनय कुमार शुक्ल, राजीव कान्त शुक्ल आदि ने श्रोताओं को प्रसाद वितरित किया।
कथा के दौरान कुलगुरु पंडित दिनेश कुमार पांडेय, पुरोहित पंडित सुरेश चंद्र शुक्ल, देवरहा बाबा आश्रम से अशोक प्रपन्नाचार्य के नेतृत्व में संगीतमयी कथा शुभारम्भ हुआ। कथा के दौरान नेब्बू लाल मिश्र उर्फ डाढ़ी बाबा, रामचंद्र शुक्ल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी शंकर उर्फ लल्लन शुक्ल, रमेश ओझा, रामभवन द्विवेदी, बालकृष्ण शुक्ल, सबल तिवारी, प्रेम शंकर मिश्र, सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुषों ने कथा श्रवण किया। चतुर्थ दिवस की कथा विराम के पश्चात आयोजक शिवाकांत शुक्ल, विमल कांत शुक्ल, विनय कुमार शुक्ल, राजीव कान्त शुक्ल आदि ने श्रोताओं को प्रसाद वितरित किया।