रॉयटर्स, बर्लिन। जर्मनी में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। ओपिनियन पोल के अनुसार फ्रेडरिक मेर्ज जर्मनी में सत्ता की दौड़ में सबसे आगे हैं। मौजूदा चांसलर ओलफ शुल्ज की पार्टी तीसरे नंबर पर रह सकती है। धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है।
सर्वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी धुर-दक्षिणपंथी पार्टी के लिए सबसे बेहतरीन नतीजे की ओर इशारा कर रहे हैं। पांच करोड़ 90 लाख से अधिक मतदाता जर्मनी की संसद के निचले सदन, बुंडेश्टाग के 630 सदस्यों को चुनने के लिए मतदान किया।
कब आएंगे नतीजे?
मतदान स्थानीय समय अनुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। स्थानीय समय अनुसार शाम छह बजे (भारतीय समय अनुसार रात साढ़े 10 बजे) तक मतदान होगा। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी और एक्जिट पोल जारी किए जाएंगे। मेर्ज ने रविवार सुबह अर्न्सबर्ग में वोट डाला और शुल्ज ने पाट्सडैम में मतदान किया।
इस चुनाव में किसे मिल सकती है सबसे अधिक सीटें?
यह चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में वर्षों से चले आ रहे ठहराव, अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने का दबाव तथा यूक्रेन के भविष्य, यूरोप के अमेरिका के साथ गठबंधन को लेकर बढ़ती अनिश्चितता जैसी चिंताएं सामने आ रही हैं। ओपिनियन पोल के अनुसार फ्रेडरिक मेर्ज के नेतृत्व में सेंट्रल राइट गठबंधन सीडीयू/सीएसयू की सत्ता में वापसी की संभावना है। इस गठबंधन को सर्वाधिक सीटें मिल सकती है और मेर्ज जर्मनी के नए चांसलर बन सकते हैं, हालांकि गठबंधन के बहुमत हासिल करने की संभावना बेहद कम है।
बहुमत जुटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है। सर्वेक्षणों के अनुसार सीडीयू/सीएसयू गठबंधन 28 से 32 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फार जर्मनी (एएफडी) को 20 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। चांसलर शुल्ज के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपने सबसे खराब परिणाम की ओर बढ़ रही है। एसपीडी को 14 से 16 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिल सकता है।इस बीच, चांसलर शुल्ज को चमत्कार की उम्मीद है। वह तीन वर्षों से अधिक समय से चांसलर हैं। शुल्ज के नेतृत्व वाला गठबंधन पिछले नवंबर में टूट गया था। इसलिए चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले कराना पड़ रहा है।
जर्मनी की संसद में हैं 630 सीटें
जर्मनी की संसद बुंडेश्टाग में 630 सीटें हैं, जिनमें 299 पर मतदाता सीधे प्रतिनिधि चुनते हैं। 331 सीटें पार्टी वोटों के आधार पर आनुपातिक रूप से आवंटित जाती हैं। मतदाता दो मत देते हैं। पहला वोट स्थानीय उम्मीदवार को देते है, जबकि दूसरा वोट राजनीतिक दल को दिया जाता है। इस आधार पर आनुपातिक रूप से निचले सदन सीटें आवंटित की जाती हैं।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुद्दा रहा हावी
इस बार चुनाव अभियान में अवैध प्रवासियों का मुद्दा हावी रहा। देश के कई हमले हुए है जिसे अवैध प्रवासियों ने अंजाम दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। यूक्रेन के भविष्य, अमेरिका के साथ यूरोप के गठबंधन पर बढ़ती अनिश्चितता की चिंताएं भी लोगों को सता रही है। जर्मनी 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में सबसे अधिक आबादी वाला देश और नाटो का प्रमुख सदस्य है। अमेरिका के बाद यह यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।