पीटीआई, मुंबई। दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के एक कार्यक्रम में शिवसेना नेता नीलम गोरे ने उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अविभाजित शिवसेना में पद मर्सिडीज कारों को उपहार में देने से मिलते थे।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (अविभाजित) को लेकर दिए गए उनके इस बयान से विवाद पैदा हो गया है। इस विवाद के बीच, शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने रविवार को पुणे में गोरे के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नीलम गोरे के दावे पर कहा है कि मुझे दिखाओ कि वे कारें कहां हैं। हमने उन्हें कई बार विधायक बनाया, उन्होंने कितनी बार मर्सिडीज दी।
संजय राउत ने उठाए सवाल
फिलहाल, मैं इस पर अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल से इस राजनतिक टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या यह आयोजन किसी राजनीतिक दबाव में आयोजित किया गया था।
गोरे के बयान से राजनीति गर्म
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से कहा कि गोरे ने जो कहा है यदि वह सच होता तो मातोश्री (उद्धव ठाकरे के आवास) पर मर्सिडीज कारों की कतार होती।
पार्टी ने मराठवाड़ा में एक साधारण कार्यकर्ता से उन्हें आज बड़ा नेता बनाया। उनसे कभी एक रुपया भी नहीं मांगा गया। गौरतलब है कि अविभाजित शिवसेना के विभाजन के बाद गोरे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ आ गईं थीं।