प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगानगर के हंडिया में पॉक्सो एक्ट, किशोरी के अपहरण और छेड़छाड़ के केस में पुलिस ने टोल प्लाजा मैनेजर के फर्जी बयान दर्ज करके तीन आराेपियों को क्लीन चिट दे दी। पुलिसिया खेल की पोल मैनेजर के ही हलफनामे से खुली, जिसमें उसने दावा किया है कि वह न तो विवेचक से कभी मिला, न ही कोई बात हुई। पीड़ित की मां ने अफसरों से इन्साफ की गुहार लगाई है।पीड़िता की मां के मुताबिक, वह हंडिया टोल प्लाजा के पास सपरिवार किराये के मकान में रहती थी। पति के साथ मिलकर वह एक दुकान चलाती थी। इसी से ही गुजारा होता था। 25 अक्तूबर-24 की रात करीब दो बजे उसकी 15 साल की बेटी को झूंसी निवासी जीशान बहला-फुसलाकर साथ ले गया।हंडिया पुलिस ने अगले दिन पॉक्सो एक्ट, अपहरण व छेड़छाड़ में जीशान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। कुछ दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया।
16 नवंबर-24 को किशोरी ने कोर्ट को बताया कि जीशान उसे घर से बुलाकर जबरन कार तक ले गया था। इसमें तीन अन्य लड़के सूर्यप्रताप सिंह, आशुतोष तिवारी व बलवंत सिंह भी थे।पुलिस ने इन तीनों लड़कों के नाम भी विवेचना के दौरान जोड़ लिए। 18 दिसंबर-24 को चार्जशीट सिर्फ जीशान के खिलाफ ही दाखिल की गई। अन्य तीनों आरोपियों के बारे में विवेचना जारी रखना बताया गया। कुछ हफ्ते बाद, दो फरवरी-25 को तीनों आरोपियों को गुपचुप क्लीन चिट देते हुए जांच खत्म कर दी गई। पीड़िता की मां ने आला-अफसरों से की शिकायत में पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। कहा, तीनों आरोपियों का नाम निकालने की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले रुपये लेकर मुंह बंद कराने का प्रयास हुआ। दबाव भी डाला गया। इन्कार करने पर रोजी-रोटी का एकमात्र साधन रही दुकान भी हटवा दी गई। मजबूरन परिवार को गांव लौटना पड़ा। उन्होंने निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।