Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

भारत की समृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र का विकास जरूरीः पीएम मोदी

sv news

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सेक्टर को विकास का इंजन बताया और कहा कि बड़े लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बजट को विकसित भारत के विजन का नया विस्तार बताया और कहा कि अब विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि क्रियान्वयन के प्रभावी तरीके पर जोर देना चाहिए, ताकि अच्छे से अच्छा और जल्दी से जल्दी परिणाम मिले।

कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि पर राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट से जुड़े वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम ने निर्णयों एवं नीतियों को भी प्रभावी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम दो बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सेक्टर के विकास के साथ-साथ गांवों की समृद्धि। प्रयास है कि विकसित भारत में अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान मिले। पीएम ने नए बजट पर चर्चा से बचने की सलाह देते हुए कहा कि योजनाएं बन चुकी हैं। अब फोकस सिर्फ एक्शन पर होना चाहिए। क्रियान्वयन में दिक्कत क्या है। किस प्रकार के बदलाव की जरूरत है आदि। लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार के साथ सबको एक मत और एक लक्ष्य के साथ एक दिशा में चलना चाहिए।

किसानों के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार

पीएम मोदी ने कहा कि देश भर के किसानों के लिए हमने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि योजनाओं में बिचौलिये के घुसने की गुंजाइश ना रहे। हितधारकों से कहा कि आप जैसे अनुभवी का साथ मिल गया तो योजनाओं को मजबूती और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा जा सकता है।

इसी के साथ पीएम मोदी ने हितधारकों को कृषि, ग्रामीण विकास और मस्त्य पालन क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पोषण युक्त अन्न की मांग बढ़ रही है। समुद्र में सतत मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना है। वर्ष 2019 में मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई। परिणाम हुआ कि मछली उत्पादन और निर्यात दोगुना हो चुका है।

पीएम ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए पीएम आवास योजना के तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया जा रहा है। ग्राम सड़क योजना से छोटे किसानों और कारोबारियों को फायदा हुआ है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। सवा करोड़ बन चुकी हैं। बजट में ग्रामीण समृद्धि और विकास के कार्यक्रमों के जरिये रोजगार और निवेश के मौके बढ़े हैं।

पीएम ने कृषि सेक्टर की विकास यात्रा भी बताई। कहा कि कृषि उत्पादन रिकार्ड स्तर पर है। दशक भर पहले तक कृषि उपज 2,650 लाख टन के करीब था, जो अब 3,300 लाख टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह बागवानी उत्पादन बढ़कर 3,500 लाख टन से ज्यादा हो गया है। यह बीज से बाजार तक की योजना, कृषि सुधार, किसानों का सशक्तीकरण और मजबूत वैल्यू चेन का परिणाम है। बड़े लक्ष्य के लिए बजट में धन धान्य कृषि योजना का एलान किया गया है, जिसके तहत देश के सौ न्यूनतम कृषि उत्पादकता वाले जिलों के समग्र विकास पर फोकस किया जाएगा।

दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर

दलहन में आयात पर निर्भरता का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि हमें दलहन उत्पादन बढ़ाना ही होगा। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा भी है। किंतु अब भी घरेलू खपत का 20 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। चने और मूंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। मगर तुअर, उड़द और मसूर का उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना है। एक दशक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने फसलों की 2,900 से अधिक नई किस्मों का विकास किया है। हमें तय करना होगा कि किसानों को ये सस्ती दर पर मिलती रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad