नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विश्व 21वीं सदी के भारत की ओर बेहद उत्सुकता से देख रहा है। वोकल फॉर लोकल अब वास्तविकता में बदल रहा है। भारत आज विश्व का नया विनिर्माण केंद्र बन रहा है और आज यह केवल कार्यबल नहीं, बल्कि विश्व शक्ति बन रहा है। पहले जिस सामान का आयात किया जाता था, अब वो देश में ही निर्मित किया जा रहा है तथा भारत अब इन उत्पादों के निर्यात के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभर रहा है।
देश में हर दिन कुछ नया हो रहा
नई दिल्ली में शनिवार को भारत मंडपम में एनएक्सटी कान्क्लेव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर से लोग भारत आना और उसे समझना चाहते हैं। भारत एक ऐसा देश है, जहां सकारात्मक खबरें बन रही हैं, रोजाना नए रिकॉर्ड बन रहे हैं और हर दिन कुछ नया हो रहा है। प्रयागराज में एकता के संगम - महाकुंभ का हाल ही में समापन हुआ। महाकुंभ ने पूरे विश्व को चकित कर दिया कि कैसे नदी के किनारे एक अस्थायी शहर में करोड़ों लोगों ने पवित्र स्नान किया। दुनिया भारत के आयोजन और नवाचार कौशल को देख रही है।
दुनिया की नई फैक्ट्री बन रहा भारत
भारत सेमीकंडक्टर से लेकर एयरक्राफ्ट कैरियर तक सब कुछ बना रहा है और विश्व भारत की सफलता के बारे में विस्तार से जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि दशकों से दुनिया भारत को अपना बैक आफिस कहती रही है, लेकिन आज भारत दुनिया की नई फैक्ट्री बन रहा है, जो देश कभी कई उत्पादों का आयात करता था, वह अब एक निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है।
वैश्विक बाजार में पहुंच रही किसान की उपज
किसान, जो कभी स्थानीय बाजारों तक सीमित थे, अब अपनी उपज के साथ वैश्विक बाजारों तक पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के मंत्र को श्रेय दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में उन्होंने कहा कि भारत का युवा सरकार की मुख्य प्राथमिकता है और शिक्षा नीति ने विद्यार्थियों को पुस्तकों से हटकर सोचने का अवसर दिया।
मोदी ने कहा कि बीते एक दशक में हमने करीब डेढ़ हजार ऐसे कानूनों को खत्म किया है जो अपना महत्व खो चुके थे। इनमें से बहुत सारे कानून अंग्रेजी शासन के दौरान बने थे। ड्रैमेटिक परफारमेंस एक्ट अंग्रेजों ने डेढ़ सौ साल पहले बनाया था, तब अंग्रेज चाहते थे कि ड्रामे और थियेटर का उपयोग तत्कालीन सरकार के खिलाफ ना हो। इस कानून में प्रविधान था कि अगर सार्वजनिक स्थल पर 10 लोग डांस करते मिल जाएं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था।
यानी, शादी के दौरान बारात भी निकले और 10 लोग डांस कर रहे हों तो दूल्हा सहित पुलिस उनको अरेस्ट कर सकती थी। यह कानून आजादी के 70-75 साल बाद तक चलन में था। इस कानून को हमारी सरकार ने हटाया। श्मुझे तो ये लूटियंस जमात और खान मार्किट गैंग पर आश्चर्य हो रहा है कि ये लोग 75 साल तक ऐसे कानून पर चुप क्यों थे? ये जो आए दिन कोर्ट जाते रहते हैं, पीआइएल के ठेकेदार बने फिरते हैं, ये लोग क्यों चुप थे? तब उनको लिबर्टी ध्यान नहीं आती थी क्या?