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पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस हाईजैक, 30 सैनिकों को उतारा मौत के घाट; क्या है विद्रोहियों की मांग?

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पीटीआई, कराची। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को बलूच विद्रोहियों ने एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया। नौ डिब्बों वाली जाफर एक्सप्रेस करीब 500 यात्रियों को लेकर सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए निकली थी।

पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इसकी जिम्मेदारी ली है। बीएलए ने गुदलार और पीरू कोनेरी इलाकों के बीच ट्रेन पर गोलीबारी में सेना के 30 जवानों की हत्या समेत 182 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बनाने का दावा किया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

ट्रेन कहां हुई हाईजैक?

बलूचिस्तान सरकार ने अधिकारियों को आपातकालीन कदम उठाने का निर्देश दिए हैं। हमला बलूचिस्तान के कच्छी जिले के माच टाउन के आब-ए-गम इलाके के पास हुआ, जब करीब छह हथियारबंद लोगों ने ट्रेन पर गोलीबारी की, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई।

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंग ने कहा, बचाव दल और सुरक्षाबल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।

30 सैनिकों को मारने का दावा

बीएलए ने दावा किया कि उसने ट्रेन को बेटपरी करने के बाद उसपर कब्जा कर 30 सैनिकों की हत्या कर दी और छह घंटे से इसकी फिदायीन इकाई मजीद ब्रिगेड कर्मियों सहित 182 यात्रियों को बंधक बनाए है।

बीएलए ने एक बयान जारी कर बताया है कि इसके लड़ाके पाकिस्तानी वायु सेना से एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम के साथ लड़ रहे हैं और उसे गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने कोई सैन्य कार्रवाई की तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा और फिदायीन आखिरी दम तक लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी तक यह अभियान बहुत सफल रहा है और एक भी सदस्य घायल या हताहत नहीं हुआ है। आधिकारिक तौर पर हताहतों की जानकारी नहीं है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि ट्रेन चालक और कई यात्री घायल हुए हैं।

इस घटना में ट्रेन चालक घायल

सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, आखिरी आतंकवादी को मार गिराए जाने तक अभियान जारी रहेगा। रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन चालक के गंभीर घायल होने की पुष्टि की है और मदद के लिए आपातकालीन राहत ट्रेन को भेजा है। रेलवे नियंत्रक मुहम्मद कासिफ ने बताया है कि नौ डिब्बों वाली इस ट्रेन को सुरंग संख्या 8 में हथियारबंद लोगों ने रोका।

पाकिस्तान के गृहमंत्री ने हमले की निंदा की

पाकिस्तान रेलवे के अनुसार, इस रेलमार्ग पर 17 सुरंगें हैं और दुर्गम इलाका होने के कारण ट्रेनें अक्सर धीमी गति में चलती हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, बेगुनाह यात्रियों पर गोली चलाने वाले दरिंदे किसी भी रियायत के हकदार नहीं हैं।

पिछले साल ही शुरू हुई थीं रेल सेवाएं

गौरतलब है कि इस रेलखंड पर बलूच आतंकवादियों द्वारा रॉकेट या रिमोट-नियंत्रित बमों से हमला किया जाता रहा था। अधिकांश हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली थी।

बीते अक्टूबर में पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय बाद क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवाएं बहाल की थीं। पिछले एक साल में बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती धमाके में 26 लोग मारे गए थे और 62 अन्य घायल हुए थे।

बलूचिस्तान में अक्सर होती हैं आतंकी हमले

तेल और खनिज संपन्न बलूचिस्तान, क्षेत्रफल के हिसाब से पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है। ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा है। बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षाकर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में 60 अरब अमेरिकी डालर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं।

जानिए क्या है बीएलए?

जानकारी दें कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (ठस्।) पाकिस्तान पर बलूचिस्तान को उसके लोगों की इच्छा के खिलाफ हड़पने का आरोप लगाता रहा है। बीएलए ने हमेशा से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग दोहराई है। 

इस अलगाववादी समूह को पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका ने पहले ही प्रतिबंधित कर रखा है। इस अलगाववादी संगठन ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करते हुए पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ लंबे समय से विद्रोह किया है।

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