प्रयागराज (राजेश ंिसह)। महाकुंभ में जमीन व सुविधा लेकर शिविर का संचालन नहीं करने वाली लगभग 720 संस्थाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इन सभी संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है।
इनके संचालकों ने जमीन का आवंटन तो करा लिया था, सुविधाएं भी कागज पर ले लिया मगर इनके शिविर नहीं लगे। सत्यापन रिपोर्ट आने पर इन संस्थाओं के खिलाफ प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने कार्रवाई की है। इन संस्थाओं को कुंभ, महाकुंभ और माघ मेला में जमीन व सुविधा नहीं मिलेगी।
इस बार महाकुंभ में 10 हजार 300 संस्थाओं को जमीन और सुविधा का आवंटन हुआ था। महाकुंभ मेला लगभग 4000 हजार हेक्टेयर में बसाया गया था, जिसे 25 सेक्टर में विभाजित किया गया था।
इन संस्थाओं को सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से लगभग 600 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। इन सुविधाओं में टेंट से लेकर फर्नीचर, रजाई-गद्दा, पुआल और लकड़ी के साथ ही दोना-पत्तल व कुल्हड़ तक शामिल थे। महाकुंभ के बाद जमीन व सुविधा आवंटन का सत्यापन कराया गया।
थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन (टीपीआइ) एजेंसी ने सत्यापन रिपोर्ट दी तो अफसर भी भौचक रह गए। सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार महाकुंभ मेला में 720 संस्थाओं के नाम पर जमीन का आवंटन हुआ और सुविधाएं भी मिलीं, मगर उनका शिविर संचालित नहीं हो सका।
ये संस्थाएं गैर आबाद ही रहीं। सिर्फ कागज पर ही ये संस्थाएं मेला में रहीं। एडीएम महाकुंभ मेला विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि इन संस्थाओं के संचालकों को नोटिस भेजकर इन्हें काली सूची में डालने की सूचना दे दी गई है। इनके चलते उन संस्थाओं को जमीन व सुविधा नहीं ले सकीं, जो अपना शिविर लगाना चाह रही थीं।
महाकुंभ में जिन संस्थाओं ने जमीन का आवंटन कराया और सुविधाएं लेने के बाद भी अपने शिविरों का संचालन नहीं किया, उन्हें ब्लैक लिस्ट करते हुए भविष्य में जमीन व सुविधा से वंचित कर दिया गया है।-विजय किरन आनंद, महाकुंभ मेलाधिकारी