पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पहली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई तालिबानी हमले के 12 साल बाद बुधवार को पहली बार खैबर पख्तूनख्वा में अपने गृहनगर पहुंचीं। लड़कियों की शिक्षा के पक्ष में आवाज उठाने पर मलाला को अक्टूबर 2012 में तालिबान के चरमपंथियों ने गोली मार दी थी।
मलाला के साथ थे पिता और पति
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मलाला हेलीकॉप्टर से खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले के बरकाना पहुंचीं। वहां उन्होंने अपने चाचा रमजान से मुलाकात की। करोरा स्टेशन हाउस आफिसर अमजद आलम ने बताया कि मलाला के साथ उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई और पति असीर मलिक भी थे।
मलाला ने बरकाना में स्कूल और कॉलेज का भी दौरा किया जहां लगभग एक हजार लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इस स्कूल कॉलेज की शुरुआत मलाला के प्रयासों से 2018 में हुई थी। मलाला ने छात्रों से मुलाकात की। वह अपने ननिहाल भी गईं। यात्रा के बाद वह इस्लामाबाद लौट आईं।
मलाला की पहली पाकिस्तान यात्रा 2018 में हुई थी
तालिबानी हमले के बाद मलाला की पहली पाकिस्तान यात्रा 2018 में हुई थी। वह 2022 में बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पाकिस्तान पहुंची थीं। वह इस साल जनवरी में भी इस्लामाबाद पहुंची थीं।