मीरजापुर (रविन्द्र कुमार जायसवाल)। रेलवे स्टेशन मीरजापुर, जो उत्तर प्रदेश के एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन के रूप में जाना जाता है, आजकल एक गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। यह समस्या है प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास पुरानी जन्माष्टमी पानी की टंकी के सामने स्थित एक अवैध रास्ते की। यह वही रास्ता है, जिसे बंद करना चाहिए था, लेकिन इसे खुला छोड़ दिया गया है। इस रास्ते का उपयोग न केवल अवैध वेंडरों द्वारा किया जा रहा है, बल्कि तमाम प्रकार की अवैध सामग्रियों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए भी इसका दुरुपयोग हो रहा है। यह स्थिति रेलवे के राजस्व को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गई है।
अवैध गतिविधियों का केंद्र
यह रास्ता, जो संगमोहाल ओवर ब्रिज की ओर जाता है, पूरी तरह से बंद होने के बावजूद अवैध कार्यों के लिए तोड़ दिया गया है। अवैध वेंडर ठेले पर सामान लोड करके रेलवे पटरी को पार करते हैं। इतना ही नहीं, मादक पदार्थ जैसे महुआ की तस्करी भी इसी रास्ते से हो रही है। बिना टिकट यात्रा करने वाले लोग भी मुख्य द्वार का उपयोग करने के बजाय इसी रास्ते से स्टेशन में प्रवेश करते हैं। यह रास्ता अवैध गतिविधियों के लिए एक वरदान बन गया है, जिसका उदाहरण यह है कि पूर्व में एक गाय का बछड़ा इसी रास्ते से स्टेशन पर चढ़ गया था।रेलवे राजस्व और सुरक्षा पर प्रभाव इस रास्ते के खुले रहने से रेलवे को आर्थिक नुकसान हो रहा है। बिना टिकट यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे टिकट बिक्री प्रभावित हो रही है। साथ ही, अवैध सामानों की आवाजाही से स्टेशन की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। रेलवे पटरी को पार करने की प्रक्रिया में दुर्घटनाओं का जोखिम भी बना रहता है। यह स्थिति न केवल रेलवे प्रशासन के लिए, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी चिंताजनक है।
समाधान की आवश्यकता
इस समस्या का एकमात्र समाधान इस अवैध रास्ते को पूरी तरह से बंद करना है। रेलवे के उच्च अधिकारियों को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच करानी चाहिए। रास्ते को सील करने के साथ-साथ इसकी निगरानी के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए। मुख्य द्वार से प्रवेश को अनिवार्य करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं, ताकि अवैध गतिविधियों पर रोक लग सके। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन और रेलवे पुलिस को मिलकर इस क्षेत्र में नियमित गश्त करनी चाहिए।
निष्कर्ष मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर यह अवैध रास्ता एक गंभीर समस्या बन चुका है, जो न केवल रेलवे के राजस्व को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अवैध कार्यों को बढ़ावा दे रहा है। इसे बंद करना न सिर्फ रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। रेलवे अधिकारियों से अपील है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए और इस रास्ते को स्थायी रूप से बंद करवाया जाए, ताकि स्टेशन पर सुचारू और सुरक्षित व्यवस्था बहाल हो सके।