नई दिल्ली। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन इस साल तेलंगाना में होगा। इसकी आधिकारिक घोषणा हैदाराबाद में आज यानी गुरुवार को की गई है। इस दौरान मंच पर मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा भारतीय साड़ी में नजर आईं, तो सभी मंत्रमुग्ध हो गए। इस कार्यक्रम में मिस वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन की चेयरवुमेन जूलिया मोर्ले, तेलंगाना के पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव और तेलंगाना सरकार में पर्यटन विभाग की सचिव स्मिता सभरवाल मौजूद रहीं।
कब शुरू होगा आयोजन?
इस साल मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन 7 मई से 31 मई तक तेलंगाना के विभिन्न सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता में 140 देशों की प्रतिभागी हिस्सा लेंगी और अपने कौशल व व्यक्तित्व के आधार पर मिस वर्ल्ड का ताज जीतने की कोशिश करेंगी।
साड़ी पहनने पर क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने जताई खुशी
इस अवसर पर क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने कहा, श्साड़ी पहनने के लिए मैं बहुत उत्साहित थी। मेरी बहन इसे मेरे लिए भारत से चेक रिपब्लिक लेकर आई थी, लेकिन मुझे इसे पहनने का तरीका नहीं पता था। जब मैं तेलंगाना आई, तो मैंने कहा कि मैं साड़ी पहनना पसंद करूंगी, क्योंकि मैं यहां की संस्कृति का अनुभव करना चाहती हूं।श्
तेलंगाना सरकार में पर्यटन विभाग की सचिव स्मिता सभरवाल ने कहा कि इस वर्ष की प्रतियोगिता में 140 देशों की प्रतिभागी आ रही हैं, जिनमें से 20 पेशेवर डॉक्टर हैं। इसके अलावा, कई प्रतिभागी इंजीनियर और वकील भी हैं। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि वे बड़े सपने देखें, जीवन में कोई बड़ा उद्देश्य रखें और कठिन परिश्रम करें।
सीएम ने विपक्ष के आरोपों पर दी सफाई
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन का समर्थन करते हुए कहा कि हैदराबाद में यह आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देगा और होटलों व ट्रांसपोर्ट उद्योग को राजस्व प्रदान करेगा। 140 देशों के लोग लगभग एक महीने तक यहां ठहरेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
200 करोड़ नहीं इतना होगा खर्च
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन पर होने वाले खर्च को लेकर विपक्ष ने तेलंगाना सरकार को घेरा था। इस पर पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन की कुल लागत 54 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 27 करोड़ रुपये सरकार और 27 करोड़ रुपये मिस वर्ल्ड लिमिटेड द्वारा खर्च किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार अपने हिस्से के खर्च का अधिकांश भाग स्पॉन्सरशिप के माध्यम से जुटाने की कोशिश कर रही है।