लखनऊ। विधानपरिषद में सपा सदस्यों ने निजीकरण का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न सरकारी संस्थानों व विभागों का निजीकरण कर रही है।
इसके माध्यम से आरक्षण समाप्त किए जाने की साजिश रची जा रही है। नेता सदन व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने सपा सदस्यों के आरोपों पर तीखा पलटवार किया। कहा, सपा के लिए अपना इतिहास देखें। उनके लिए पहले व्यक्ति, परिवार व फिर जाति है। हमारे लिए पहले देश, फिर दल और उसके बाद व्यक्ति है।
सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) परिवार डेवलपमेंट एजेंसी के अलावा कुछ नहीं। जब सत्ता में थे, तब केवल एक जाति को नौकरी देने का काम किया और आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया। पिछड़ा वर्ग उसे कभी भूल नहीं सकता। सपा के साथ कांग्रेस को भी घेरा। कहा, सपा व कांग्रेस के लिए 2047 तक नो वैकेंसी है। भाजपा वर्तमान है और भाजपा ही भविष्य है।
बसपा सरकार से बिजली निजीकरण की शुरुआत हुई- केशव
केशव ने कहा कि सपा जिस बिजली के निजीकरण की बात कर रही है, उसकी शुरुआत बसपा सरकार के समय हुई। समस्या यह है कि सपा मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। चोरों के साथ खड़ी है, तभी लाइन लॉस के बारे में बात नहीं करती। वोट बैंक की राजनीति करती है।
संभल की घटना के बाद फर्जी ट्रांसफार्मर पकड़ा गया। नोएडा में निजीकरण की शुरुआत मुलायम सिंह सरकार ने की थी। नेता सदन ने महाकुंभ को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की टिप्पणी का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समर्थन किया, जबकि उन्हें विरोध करना चाहिए था।
अखिलेश ने डुबकी लगाई, फिर प्रदूषण की बात कही- केशव
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में डुबकी लगाई और उसके बाद संगम के जल में प्रदूषण की बात कही। महाकुंभ से अर्थव्यवस्था में तीन लाख करोड़ रुपये का उछाल आया है। इन आंकड़ों को भी देखिए। प्रदूषण मन में है। उन्होंने उच्च सदन में सपा के 10 सदस्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पीडीए है क्या। असली पीडीए इधर है।
नेता सदन ने सपा की सूचना में किसी विभाग को जिक्र न किए जाने पर भी सवाल उठाया और इसे नियम विरुद्ध बताया। सपा सदस्यों ने मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की, जिसे सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने अस्वीकार कर दिया।