नई दिल्ली। आईपीएल के 18वें सीजन की शुरुआत शनिवार से हो रही है। पहला मैच मौजूदा विजेता कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चौलेंजर्स बेंगलुरू के बीच खेला जा रहा है और पहले ही मैच में एक विवाद हो गया। इसका कारण सुनील नरेन बने। नरेन का पैर विकेट पर लग गया था, लेकिन फिर भी उन्हें हिटविकेट नहीं दिया गया।
इसे काफी लोग गलत बता रहे हैं। आमतौर पर जब बल्लेबाज अपना बल्ला या शरीर का कोई हिस्सा विकेट में मार देता है तो फिर उसे हिटविकेट आउट दिया जाता है। हालांकि, नरेन के केस में ऐसा नहीं हुआ। अंपायर का उनको आउट न देना नियमों के खिलाफ नहीं है बल्कि नियमों के मुताबिक ही है।
क्या हुआ था?
कोलकाता नाइट राइडर्स की पारी के आठवें ओवर में नरेन का पैर स्टम्प पर लग गया, लेकिन उन्हें आउट नहीं दिया गया। ये गेंद आरसीबी के गेंदबाज राशिक सलाम डर ने फेंकी थी जो वाइड थी। ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंद को नरेन ने अपने बल्ले पर लेने की कोशिश की, लेकिन चूक गए और गेंद वाइड हो गई। इसी दौरान उनका पैर स्टम्प पर लग गया। ये मामला ओवर की चौथी गेंद पर हुआ। सभी को उम्मीद थी कि नरेन का खतरा टल गया है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया।
अंपायर का आउट न देना पूरी तरह से नियमों के मुताबिक है। ये आउट इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि अंपायर पहले ही गेंद को वाइड दे चुके थे। एमसीसी के नियम 35.1.1 के मुताबिक, बल्लेबाज तब हिट विकेट आउट होता है जब तक गेंद डैड नहीं होती। अंपायर का फैसला आने के बाद गेंद डैड हो जाती है और यहां ऐसा ही हुआ। अंपायर ने गेंद को वाइड दिया और इसके बाद नरेन का पैर स्टम्प से टकराया। इसी कारण उन्हें आउट नहीं दिया गया।