प्रयागराज (राजेश सिंह)। संविधान के रचयिता डा. भीमराव आंबेडकर की हाई कोर्ट चौराहा स्थित प्रतिमा पर किसी सिरफिरे व्यक्ति ने स्वेटर, काला कोट और टोपी पहना दिया। प्रतिमा दो दिनों तक ऐसी ही स्थिति में रही। रविवार को वहां बहुजन समाज पार्टी के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुंच गए।
प्रतिमा को खंडित और अपमानजनक कारस्तानी बताते हुए वहीं धरना प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने खूब नारेबाजी की। प्रतिमा का अपमान करने वाले को फांसी देने की मांग की। सिविल लाइंस पुलिस ने पहुंचकर बसपाइयों के गुस्से को शांत कराया। पदाधिकारियों ने अपना ज्ञापन सौंपा।
डा. आंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किए जाने के संबंध में बसपा नेताओं ने कहा कि आंख पर किसी वस्तु से वार किया गया है। प्रतिमा पर मटमैला काले रंग का कोट, स्वेटर पहना दिया। टोपी लगा दी। बीच चौराहे पर यह सब होता रहा और पुलिस कर्मी सोते रहे। इस तरह के आरोप लगाते हुए बसपा जिलाध्यक्ष पंकज गौतम, मुख्य मंडल प्रभारी राजू गौतम, जगन्नाथ पाल, टीएन जैसल समेत अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों की आस्था पर यह कुठाराघात है। सिविल लाइंस थाने के इंस्पेक्टर रामाश्रय यादव पहुंच गए। उन्होंने नेताओं से बात की। इसके बाद अपर नगर मजिस्ट्रेट पहुंचे। पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए इस घटना के संबंध में एफआइआर दर्ज करने की मांग की।
प्रशासन द्वारा किसी मंदबुद्धि व्यक्ति की पहचान कर लिए जाने की जानकारी दी गई तो पदाधिकारियों ने कहा कि उसका मेडिकल परीक्षण कराकर जांच रिपोर्ट दिखाई जाए। जहां भी डा. आंबेडकर की प्रतिमाएं लगी हैं उन सभी स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कराने, हाई कोर्ट चौराहा पर नई प्रतिमा लगवाए जाने की मांग की।