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एयर इंडिया बनी 241 यात्रियों की मौत की उड़ान

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नई दिल्ली। सबसे सुरक्षित माने जाने वाले हवाई सफर के लिए गुरुवार का दिन त्रासदी भरा रहा। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान एआइ-171 अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के चंद मिनटों के भीतर ही एक मेडिकल कॉलेज के हास्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा। इस दौरान विमान धमाके के साथ आग के गोले में तब्दील हो गया। इसमें सवार 12 सदस्यीय चालक दल समेत 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई। हादसे में चमत्कारिक रूप से एक मात्र विश्वास कुमार रमेश नाम के यात्री की जान बची है। वह सीट संख्या 11ए पर बैठे थे। यह इमरजेंसी एक्जिट के ठीक पीछे खिड़की वाली सीट थी। जब विमान गिरने ही वाला था, तो रमेश इससे कूद गए थे। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती हैं। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय रूपाणी भी शामिल हैं। यही नहीं, हादसे में हास्टल में रह रहे 20 से अधिक मेडिकल छात्रों की भी मौत हुई है जबकि 50 से अधिक जख्मी हैं। उधर, पुलिस उपायुक्त कानन देसाई ने बताया कि 240 से अधिक शव अस्पताल पहुंच चुके हैं।

यह दुर्घटना देश के सबसे भीषण हवाई हादसों में से एक

देर रात जारी एक बयान में एअर इंडिया ने विमान में सवार 241 लोगों के मरने की पुष्टि की है। वैसे ड्रीमलाइनर विमान के हादसाग्रस्त होने का यह विश्व में पहला मामला है। अभी तक सेवा में जितने विमान हैं, उनमें यह सबसे सुरक्षित माना जाता है। यह दुर्घटना देश के सबसे भीषण हवाई हादसों में से एक है।

अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विमान ने दोपहर 1रू39 पर उड़ान भरी थी और चंद मिनटों में ही यह आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनास्थल का डेढ़ एकड़ का इलाका पूरी तरह आग और धुएं की चपेट में आ गया। सूचना मिलते ही बड़े स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाए गए।

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दुर्घटनास्थल पर पहुंचे अमित शाह

बचावकर्मी जलते हुए मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे थे और गंभीर रूप से जलने वाले घायलों को निकालने को प्रयासरत थे। प्रधानमंत्री खुद अपडेट लेते रहे और उनके निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे और वहां राहत व बचाव में लगे एजेंसियों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी संभाली। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू भी मौके पर पहुंचे।

अमित शाह ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विमान दुर्घटना के पीड़ितों का डीएनए परीक्षण करेंगे। इसके बाद ही पता चलेगा कि कितने विमान यात्रियों की मौत हो गई। उधर, हादसे के बाद घटनास्थल पर चारों तरफ बर्बादी का मंजर था। वहां हर तरफ बिखरे पड़े थे तो विमान के टुकड़े और मानव शरीरों के जले हुए अवशेष।

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विमान का अगला हिस्सा एक इमारत धंसा

साथ ही आसपास के पेड़-पौधे और भवन भी आग में जलकर काले हो चुके थे। एक तस्वीर में विमान का अगला हिस्सा एक इमारत की ऊपरी मंजिल में धंसा हुआ दिखाई दे रहा था। विमान हादसे के एक वीडियो से साफ नजर आता है कि विमान के ऊपर उड़ते हुए जिस एंगल में उसका नोज ऊपर उठा नजर आना चाहिए था, उसके बजाए विमान नीचे की ओर झुकता नजर आया।

हालांकि विमान दुर्घटना का कारण आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है लेकिन यह तय है कि विमान के दोनों ही इंजन ने काम करना बंद कर दिया था। इस विमान में अधिकांश हाई प्रोफाइल, प्रवासी भारतीय तथा लंदन का वीजा पाने वाले युवा शामिल थे।

भरूच जंबूसर के सलीम बताते हैं कि उनके बेटे साहिल को वर्क वीजा मिला था। विमान के उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही बेटी का फोन आया कि पापा लंदन जा रहा विमान क्रैश हो गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी हरेश शाह ने बताया- श्श्विमान बहुत नीचे उड़ रहा था और यह सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कालेज के डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टरों से टकरा गया। उन अपार्टमेंट में रहने वाले कई लोग घायल हो गए क्योंकि विमान के साथ-साथ इमारतों में भी आग लग गई।

विमान के ब्लैक बाक्स खोज की जा रही

एक अन्य ने कहा कि परिसर में खड़ी कई कारों और वाहनों में भी आग लग गई। उधर, हादसे के बाद अहमदाबाद में फ्लाइटों का संचालन बंद कर दिया। हालांकि शाम को इसे फिर से शुरू किया गया। इस बीच विमान के ब्लैक बाक्स, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वायस रिकार्डर की खोज की जा रही है ताकि हादसे की असल वजह पता चल सके। उधर, अमेरिका ने कहा कि अगर हमसे जांच में सहयोग मांगा जाएगा तो हम इसके लिए तैयार हैं।

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने जारी किया बयान

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि वह एअर इंडिया के साथ संपर्क में है। हम और अधिक जानकारी जुटाने के लिए काम कर रहे हैं। कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि वह एअर इंडिया को हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।

हमारी संवेदनाएं यात्रियों, क्रू मेंबर, राहतकर्मियों और इस हादसे से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। उधर, हादसे की जांच नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) को सौंपी गई है। जांच में ब्रिटेन और अमेरिकी एजेंसियों की भी मदद ली जा सकती है। अहमदाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के पायलट कैप्टन सुमित सबरवाल ने उड़ान भरने के तुरंत बाद श्मेडेश् यानी आपातकालीन काल दी। उसके तुरंत बाद विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया।

मेडे कॉल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा इमरजेंसी की हालात में किया जाता है यानी जब जान पर बन आए। मसलनरू विमान के इंजन फेल होने, बेहद खराब मौसम आदि होने की सूरत में। पायलट कंट्रोल रूम को तीन बार मेडे-मेडे-मेडे मैसेज भेजता है। मेडे शब्द फ्रांसीसी भाषा से लिया गया है जिसका मतलब होता है श्श्मेरी मदद करोश्श्।

क्या कहते हैं विमानन विशेषज्ञ

उड़ान भरने के तुरंत बाद हुई विमान दुर्घटना ने विमानन विशेषज्ञों को सकते में डाल दिया है। पूर्व पायलट एहसान खालिद ने कहा कि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वायस रिकॉर्डर और एसीएआरएस डाटा से ही पता चलेगा कि वास्तव में हुआ क्या? लेकिन दृश्य यह दिखाते हैं कि विमान उड़ान भरते ही नीचे गिर गया।

पूर्व पायलट बोले- दोनों ही इंजन एक साथ खराब हो जाएं संभव नहीं

इसका मतलब है कि उसमें हवा में कोई विस्फोट तो नहीं हुआ। विमान में पावर की कमी आई। पावर की कमी इंजन की खराबी के कारण हो सकती है, लेकिन यह बहुत कम संभावना है कि दोनों ही इंजन एक साथ खराब हो जाएं यानी अपनी पावर खो दें। इसका इंजन बहुत बड़ा है और यह संभव नहीं है कि उड़ान भरने की एक मिनट की अवधि में ही पक्षी के टकराने के कारण दोनों इंजन अपनी पावर खो दें।

खालिद ने कहा कि पायलट ने मेडे कॉल किया, इसका मतलब है कि खराबी कॉकपिट में देखी गई। वे उस दिक्कत के बावजूद टेकऑफ कर गए। सबसे बड़ा सवाल यही है कि लैंडिंग गियर ऊपर क्यों नहीं था? मुझे समझ में नहीं आता कि लैंडिंग गियर अभी भी नीचे क्यों था?

उड़ान भरते ही लैंडिंग गियर ऊपर उठा दिया जाता है। चूंकि लैंडिंग गियर नीचे था, इसलिए यह संभव है कि इंजन में कमी का पहले ही पता चल गया हो। उड़ान 600 फीट की ऊंचाई पर थी, क्या यह एक दुर्घटना थी?

समस्या एक थी या अनेक, अभी कोई कुछ नहीं कह सकता

समस्या एक थी या अनेक, अभी कोई कुछ नहीं कह सकता। उधर, अमेरिकी विशेषज्ञ और वहां के एविएशन सुरक्षा सलाहकार जान एम कॉक्स ने कहा कि हो सकता है कि विमान के हिस्से सही तरीके से कांफिगर नहीं हुए हों। यह दुर्घटना पहली नजर में चौंकाने वाली है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि निष्कर्ष निकालने के लिए अभी बहुत जल्दी है।

उन्होंने कहा कि उड़ान की धुंधली छवियों से यह संकेत मिलता है कि एक जांच का क्षेत्र यह हो सकता है कि क्या विमान के स्लैट्स और फ्लैप्स सही स्थिति में थे जब विमान चढ़ाई करने का प्रयास कर रहा था। तस्वीरों से दिखता है कि विमान उड़ने के लिए पर्याप्त पावर नहीं बना रहा था। एक अन्य विशेषज्ञ एंथनी ब्रिकहाउस ने चढ़ते वक्त लैंडिंग गियर की स्थिति असामान्य थी।

दो घंटे पहले इस विमान में यात्रा करने वाले आकाश ने कहा- ड्रीमलाइनर का न एसी और न ही रिमोट कर रहा था काम

दुर्घटनाग्रस्त विमान कुछ देर पहले ही नई दिल्ली से उड़ान भर अहमदाबाद पहुंचा था। इसमें आकाश वत्स नाम के यात्री भी सवार थे। उन्होंने एक्स पर लिखा- श्दुर्घटना की बात सुनने के बाद इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि यही वह विमान है, जिस पर दो घंटे पहले मैंने यात्रा की थी। किस्मत अच्छी थी कि मैं आगे की यात्रा के लिए इस विमान पर सवार नहीं था। आकाश ने लिखा कि इस विमान में कई बातें असमान्य नजर आईं। जारी वीडियो में वह कह रहे हैं कि विमान के भीतर यात्रियों के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि इसका एसी काम नहीं कर रहा है। भीषण गर्मी में यात्रियों का बुरा हाल है। यात्रियों के मनोरंजन के लिए जो टीवी स्क्रीन सीट पर लगी है, वह काम नहीं कर रही है।

केबिन क्रू को बुलाने के लिए जो रिमोट है, उसका बटन भी काम नहीं कर रहा है। विमान में कुछ भी काम नहीं कर रहा है, समझ नहीं आ रहा है कि आखिर मैंने एअर इंडिया के विमान को यात्रा के लिए क्यों चुना।

आकाश ने साझा की वीडियो

आकाश ने कहा कि उन्हें तब बहुत आश्चर्य हुआ जब पायलट ने यात्रियों को कहा कि मौसम साफ है, लेकिन अहमदाबाद में लैंडिंग से पहले यात्रियों को टर्बुलेंस महसूस हो सकता है, जिसमें हल्के झटके लग सकते हैं। आकाश का कहना है कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया? आकाश ने यह भी कहा कि विमान का फ्लैप कुछ असामान्य हरकत करता हुआ उन्हें महसूस हुआ। आकाश ने अपने पोस्ट में विमान की तस्वीर व भीतर की वीडियो भी साझा की है।

..तो और बड़ा होता हादसा

हादसे से पहले विमान कैप्टन सबरवाल ने विमान को संभालने का पूरा प्रयास किया। हास्टल के नजदीक ही एशिया का सबसे बड़ा 1,200 बेड वाला सिविल अस्पताल है। यदि वहां विमान गिरता तो यह हादसा और विभत्स हो सकता था।


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