प्रयागराज (राजेश सिंह)। चंगाई सभा के माध्यम से कथित मतांतरण के मामले में विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू हो गई है। पुलिस मुख्य आरोपित अनिल बिंद व कृष्ण कुमार बिंद, सुभाष चंद्र बिंद, संजय विश्वकर्मा के बैंक खातों को खंगाल रही है। इन्हें सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी के आय के स्रोत का भी पता लगाया जा रहा है कि ताकि आय-व्यय की सही जानकारी मिल सके।
इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है। बताया गया है कि कपसा गांव निवासी अनिल बिंद ने नेवादा गांव में वर्ष 2020 में पारसनाथ बिंद से एक बीघा जमीन किराए पर ली थी। इसके बाद उस जमीन को चारों तरफ से घेरकर बैठने के अनुकूल बनवाया।
पारसनाथ को हर माह करीब दो हजार रुपये किराया देता था। अनिल और पारस दूर के रिश्तेदार भी लगते हैं। अनिल बहरिया के नेवादा गांव में हर रविवार को चंगाई सभा का आयोजन करता था, जहां पर बड़ी संख्या में ग्रामीण आते थे। आरोप है कि इस दौरान वह ईसा मसीह का गुणगान करते और सनातन धर्म की आलोचना। गरीब लोगों को पैसा और रोजगार का प्रलोभन देकर उनका मतांतरण करते थे। इसी आरोप में मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेजा गया।
एफआइआर में यह तथ्य भी अंकित किया गया कि चंगाई सभा के लिए ईसाई मिशनरियों की ओर से फंडिंग की जा रही है, ताकि हिंदुओं का मतांतरण किया जा सके। इसी आधार पर पुलिस ने अब स्थानीय और विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू की है। सबसे पहले आरोपितों के आय के स्रोत और बैंक खातों का पता लगाया जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि अनिल बिंद हर सप्ताह आयोजन पर अच्छी रकम खर्च करता था। जमीन का किराया देता था और दूसरे संसाधन पर भी पैसा खर्च करता था। उसे इतनी रकम किससे और कहां से मिलती थी, इसकी सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। संबंधित साक्ष्य मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसीपी फूलपुर पंकज लवानिया के अनुसार मुख्य आरोपित समेत अन्य के बैंक खातों की जांच कराई जा रही है।