प्रयागराज (राजेश सिंह)। मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ 273.5 करोड की सी जी एस टी काया वसूली कार्रवाई को वैध करार दिया है और अधिकारियों को धारा 122 की कार्यवाही जारी रखने की छूट दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। जिसमें कंपनी पेनाल्टी लगाकर कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी गई थी।
सी जी एस टी विभाग ने कंपनी की तीन इकाइयों हरिद्वार उत्तराखंड, सोनीपत हरियाणा व अहमदनगर महाराष्ट्र के खिलाफ अप्रैल 2018 से मार्च 2022 की जी एस टी चोरी पर कार्रवाई की गई है।
याची अधिवक्ता का तर्क था कि धारा 74 मे मुख्य व्यक्ति पर अभियोजन की कार्यवाही खत्म कर दी गई। इसलिए धारा 122 की पेनाल्टी की कार्यवाही भी समाप्त हो जायेगी। कोर्ट ने इस तर्क को भ्रामक माना और अस्वीकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा धारा 122 की कार्यवाही अलग है इसमें सक्षम अधिकारी द्वारा पेनाल्टी वसूली जाती है और धारा 132 से 138 की अभियोजन की कार्यवाही अलग।यह कोर्ट में अभियोजन की कार्यवाही है।धारा 122 में अर्थदंड का प्रावधान है तो धारा 132से 138 मे अभियोजन का,जो आपराधिक कोर्ट की कार्यवाही होगी। इसलिए धारा 74 की कार्यवाही खत्म करने से धारा 122 की कार्यवाही स्वतरूखत्म नहीं होगी। कोर्ट ने सीजीएसटी अधिकारियों को धारा 122 की कार्यवाही जारी रखने की छूट दी है।