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बच्चों के विवाद में बिखर गया दो परिवार, बेगुनाही की लड़ाई में टूट चुके व्यक्ति ने थाने में जहर खाकर दी थी जान

SV News

कैथे के पेड़ पर चले ढेले और बदले में पड़े थप्पड़ से बिखर गए दो परिवार

कौशाम्बी (राजेश सिंह)। कौशाम्बी जिले के थाना सैनी के लोहंदा गांव में 27 मई को शुरू हुआ यह विवाद तब पैदा हुआ जब कुछ बच्चों ने कैथा तोड़ने के दौरान ढेले फेंके, जो एक स्थानीय फैक्ट्री की छत पर जा गिरे। इसके बाद फैक्ट्री मालिक रामबाबू तिवारी के बेटे सिद्धार्थ ने आठ वर्षीय बालिका को थप्पड़ मार दिया। बच्ची रोते घर गई और मां को बताई। बच्ची की मां उलाहना देने रामबाबू तिवारी के घर पहुंची तो उन्होंने अपने बेटे की चप्पलों से पिटाई उसके सामने कर दी। इसी बीच गांव के प्रधान के भाई विपिन को विवाद की भनक लग गई। उसने निजी भूमि विवाद के चलते बालिका के परिजनों से मिलकर सिद्धार्थ पर मारपीट, पास्को, दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने बिना जांच के आरोपी को जेल भेज दिया। बेगुनाही की लड़ाई में टूट चुके उसके पिता रामबाबू तिवारी ने थाने में चार जून को ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने ग्रामीण समाज, पुलिस प्रशासन और न्याय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दें कि रामबाबू की पत्नी चंदा देवी ने बताया कि पुत्र की जब चप्पलों से पिटाई की तो बालिका की मां चुप होकर घर चली गई। उधर सात माह पहले भूमि विवाद के प्रतिशोध में बदला लेने के लिए ग्राम प्रधान के भाई विपिन ने बालिका के परिजन को लालच देकर उनका एक वीडियो बनवाया, उसे लेकर पथरावा के चौकी इंचार्ज से मिला। पुलिसिया सांठगांठ कर सिपाही भेज कर हमारे पुत्र सिद्धार्थ को पुलिस चौकी पर बुलवाया। हमारे पति रामबाबू अपने पुत्र को लेकर खुद पुलिस चौकी पर पहुंच गए। जहां उनके पुत्र को पुलिस ने बिना किसी जांच पड़ताल के जेल भेज दिया। बेटे से जेल में जाकर रामबाबू मिले तो उसके आंखों में आंसू देखकर अपने को रोक नहीं पाएं और उसकी बेगुनाही का सबूत लेकर पुलिस चौकी से लेकर थाने तक दौड़ते रहे।
कहीं सुनवाई नहीं हुई तो चार जून को सुसाइट नोट लिख कर थाने में पहुंचे और बोले कि न्याय नहीं मिला तो जान दे दूंगा। उनकी बातों को पुलिस ने हल्के में लिया, ग्राम प्रधान के भाई, बालिका के पिता आदि ने मिलकर उन्हें थाने में ही जहर खिला दिया। उन्हें अस्पताल समय से नहीं ले जाया गया, जिसकी वजह से जहां उनकी मौत हो गई। मौत के बाद हमारे पुत्र ने ग्राम प्रधान, बालिका के पिता समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया, जहां पुलिस ने बालिका के पिता और विपिन पाल को जेल भेजा है।
मारपीट, पास्को, दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस ने बालिका का मेडिकल कराया और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराया। जिसमें बालिका और उसके साथ दो बच्चे जो कैथा पर पत्थर चलाने के दौरान मौजूद थे उनका बयान कराया। बालिका ने कहा कि मां ने जो कहने को बोला था, वहीं बोल दी। दो बच्चों ने किसी तरह की घटना होने से मना कर दिया। सिर्फ थप्पड़ मारने की बात का जिक्र किया।

निष्पक्षता के साथ पूरे मामले की विवेचना कराई जा रही है। लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर, दरोगा सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई हुई है। बालिका और दो बच्चों ने मजिस्ट्रेट के समझ दर्ज कराए बयान में दुष्कर्म होने जैसी कोई बात नहीं बताई है। बालिका ने कहा है कि मां ने जैसा कहा, वैसा ही वह बोल दी। - डाॅ. संजीव गुप्ता, एडीजी जोन प्रयागराज

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