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माफिया अतीक पर कानूनी हंटर चलाने वाले इंस्पेक्टर का फिर लखनऊ ट्रांसफर, कई तरह की चर्चा तेज

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक अहमद पर कानूनी हंटर चलाने वाले इंस्पेक्टर का लखनऊ ट्रांसफर हो गया। इसके पहले भी उनका लखनऊ और फिर प्रयागराज ट्रांसफर हो चुका है। उनको फिर लखनऊ भेजे जाने से चर्चा तेज हो गई है। 
दिनदहाड़े माफिया अतीक के गुर्गे को एनकाउंटर में ढेर करने और फिर कानूनी हंटर चलाते हुए गैंग को कमजोर करने वाले तेज तर्रार इंस्पेक्टर राजेश मौर्य का फिर से लखनऊ कमिश्नरेट में ट्रांसफर हो गया है। 
2024 में लोकसभा चुनाव से पहले इनका स्थानांतरण लखनऊ हो गया। चुनाव के कुछ महीने बाद राजेश पुन: प्रयागराज आ गए। करेली थाना में तैनाती मिली। इसके बाद 25 जून को बारा थाना भेजे गए। 
वहां से उनका स्थानांतरण लखनऊ कर दिया गया। अचानक हुए इस तबादले को लेकर विभाग में कई तरह की चर्चा है, लेकिन कोई साफ तौर पर कुछ भी कहने से बच रहा है। मूलरूप से बलिया के रहने वाले राजेश मौर्या वर्ष 2023 में धूमनगंज थाना के प्रभारी थे। उसी दौरान जयंतीपुर में दिनदहाड़े विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की गोली, बम मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना प्रदेशभर में सुर्खी बनी थी। 
वारदात में शामिल अतीक के गुर्गे मो. अरबाज को इंस्पेक्टर राजेश मौर्या ने उमेश पाल के घर से करीब एक किलोमीटर दूर ही दिनदहाड़े एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद उमेश पाल को पहली गोली मारने वाले शूटर उस्मान चौधरी को यमुनानगर क्षेत्र मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था। 
इस एनकाउंटर में भी उनकी अहम भूमिका रही। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राजेश मौर्य ने अतीक गैंग के कई सदस्यों को असलहे के साथ गिरफ्तार करते हुए सलाखों के पीछे भिजवाया था।
15 अप्रैल 2023 की रात मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में पुलिस अभिरक्षा के दौरान माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 
घटना के वक्त वहां मौजूद रहे राजेश मौर्या ने टीम के साथ हत्यारोपित लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को घेरकर तत्काल गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही उनके कब्जे से जिगाना पिस्टल सहित अन्य हथियार बरामद किए थे।
इंस्पेक्टर राजेश मौर्या प्रयागराज जिले में कई थाने की कमान संभाल चुके हैं। धूमनगंज के बाद उन्हें करेली थाने का चार्ज मिला था। करीब 25 दिन पहले करेली से यमुनानगर के बारा थाने की जिम्मेदारी दी गई थी। 
इससे पहले वह मुट्ठीगंज, खीरी थाने की कमान संभाल चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राजेश मौर्या का लखनऊ तबादला किया गया था। फिर वहां से रायबरेली जिले में ट्रांसफर हुआ था। 
वहां से प्रयागराज आने के बाद करेली थाने का प्रभारी बनाया गया था। यहां अतीक के साढ़ू समेत अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के उपरांत बारा थाने में तैनाती दी गई थी। अब वहां से फिर से लखनऊ कमिश्नरेट में ट्रांसफर हुआ है।

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