प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा और यमुना का जलस्तर एक बार फिर प्रयागराज में तेजी से बढ़ रहा है। यमुना में मध्य प्रदेश की केन व बेतवा तथा राजस्थान की चंबल नदी का पानी आ रहा है तो गंगा में उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही वर्षा से जलस्तर बढ़ रहा है। इससे प्रयागराज फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
लगभग 10 दिन पूर्व भी प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तब 44 गांवों और 13 मुहल्लों में पानी घुसा था। दर्जनों घरों में पानी घुसने से ढाई सौ लोग बेघर हो गए थे। राहत शिविर में लोगों ने शरण लिया था। फिर दोनों नदियों में उफान के चलते तटीय इलाकों के लोगों में बाढ़ का डर पैदा हो गया है। निचले क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से सतर्कता बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं। गंगा और यमुना नदियों के किनारे पर 88 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। चार बाढ़ राहत शिविर तैयार हो गए हैं।
मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 81.30 मीटर पहुंच गया, जो पिछले 24 घंटे में एक मीटर तीन सेमी की वृद्धि है। इसी तरह यमुना का जलस्तर 24 घंटे में 71 सेमी बढ़कर 81.13 मीटर पर पहुंच गया है। यहां खतरे का निशान 83.73 मीटर पर है।
राजस्थान के धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसका पानी यमुना में आ रहा है। इस असर प्रयागराज पर पड़ेगा। इसी तरह मध्य प्रदेश में भारी वर्षा से बेतवा नदी भी उफान पर है, जिसका पानी यमुना में आ रहा है।