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प्रयागराज में निकला ऐतिहासिक सात मुहर्रम का जुलूस, या हुसैन की सदाओं से गूंज उठा इलाका

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के फूलपुर क्षेत्र में गुरुवार को ऐतिहासिक सात मुहर्रम का जुलूस बड़ी अकीदत और एहतराम के साथ निकाला गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए और ‘या हुसैन’ की सदाओं से माहौल गूंज उठा। सुबह करीब 10:30 बजे फूलपुर की शिया जामा मस्जिद से अलम बरामद होकर अपने कदीमी (परंपरागत) रास्ते से होते हुए मुल्लाने स्थित इमामबाड़े तक पहुंचा। वहां से अलम के साथ दुलदुल भी बरामद हुआ। यह जुलूस कर्बला के मैदान में हज़रत इमाम हुसैन और उनके भाई मौला अब्बास की शहादत की याद में हर साल निकाला जाता है।
मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष बालाग़त हुसैन ने जानकारी दी कि फूलपुर गंगापार क्षेत्र का यह सबसे बड़ा जुलूस है। इसकी लंबाई काफी अधिक होती है। यह जुलूस सुबह शुरू होकर देर रात तक जारी रहता है। इस बार भी जुलूस सुबह करीब 11 बजे रवाना हुआ और रात तक लौटकर मुल्लाने इमामबाड़े में संपन्न हुआ।

जुलूस में शामिल अंजुमन अब्बासिया ने रास्तेभर नौहा पढ़ा और मातम किया। अंजुमन के सचिव बदरुल हसन ज़ैदी ने बताया कि सात मुहर्रम को मौला अब्बास की शहादत की याद में यह जुलूस निकाला जाता है। कर्बला के मैदान में इसी दिन इमाम हुसैन के भाई अब्बास अलमदार ने बहादुरी से जंग लड़ी थी और शहीद हुए थे।

यह जुलूस शिया जामा मस्जिद से शुरू होकर मुल्लाने पहुंचा, फिर दुलदुल के साथ कोहना, कैथाना, नई बस्ती, शुक्लाना, जाफरगंज कटरा, मेन बाजार, अच्छाई, बाबूपुर, शेखपुर और जमीलाबाद जैसे इलाकों से होते हुए देर रात को वापस मुल्लाने इमामबाड़े में पहुंचा। वहां मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन किया गया।

पूरे जुलूस मार्ग पर पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जुलूस की अगुवाई में मीसम ज़ैदी, जलालत हुसैन, शमसुल हसन, रिजवान ज़ैदी, अस्करी रज़ा ज़ैदी, कोमल रिजवी, असद रिजवी, रूमी ज़ैदी, नजम हुसैन और एहसान हुसैन समेत कई स्थानीय जिम्मेदार लोग मौजूद रहे। वहीं जगह-जगह राहगीरों और अकीदतमंदों के लिए सबीलें लगाई गई थीं ताकि लोगों को गर्मी से राहत मिल सके।

इस जुलूस में दुलदुल और अलम का खास महत्व होता है। दुलदुल हज़रत इमाम हुसैन के घोड़े का प्रतीक माना जाता है और अलम मौला अब्बास के बहादुरी भरे किरदार की याद दिलाता है। मुहर्रम के दिनों में इसी तरह के जुलूस और मजलिसें कर्बला की घटना को ताजा कर देती हैं और शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया जाता है।

फूलपुर में मुहर्रम की सातवीं तारीख को जुलूस निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

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