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मेरठ में हंगामे की भेंट चढ़ी निगम की बोर्ड बैठक

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मेरठ। नगर निगम की बोर्ड बैठक से पहले अपनी मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियन ने हंगामा शुरू कर दिया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार के बाहर सफाई यूनियन के अध्यक्ष विनेश मनोठिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में एकत्र सफाई कर्मचारियो ने महापौर और नगर आयुक्त का घेराव कर लिया।

कर्मचारी होने चाहिए। 2950 सफाई कर्मी हैं। 5400 सफाई कर्मियों की मांग है। डेढ़ घंटे बाद बैठक शुरू होने पर भाजपा पार्षद ने नगर आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष के कई मुस्लिम पार्षदों ने कई मुद्दों को बैनर लहराए तो भाजपा पार्षदों से उनकी नोकझोंक हुई। 

सफाई कर्मचारी नेताओं ने महापौर से अपना वादा याद करने का कहा। जिसमें कहा था कि सरकार में आए तो नियमित भर्ती होगी। आउटसोर्सिंग व्यवस्था खत्म होगी। न ठेका व्यवस्था समाप्त हुई न नियमित भर्ती। वहीं सफाई आउटसोर्गिग यूनियन के नेता अटल सभागार में धरने पर बैठ गए। सफाई कर्मी नेताओं ने कहा कि ना बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं ना अपने घरों की जरूरत को पूरा कर पा रहे हैं। इतना कम वेतन मिलता है। काम आठ घंटे चाहिए लेकिन वेतन के नाम मात्र का।

महापौर ने आश्वाशन दिया कि शासन में बात की जाएगी। पत्र लिखा जाएगा। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कहा कि नियमित भर्ती शासन स्तर से होती है। आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का कार्य भी शासन स्तर से होगा। आउट सोर्सिंग व्यवस्था खत्म करने का कार्य भी नीति गत कार्य है। नगर आयुक्त ने कहा कि मानक के अनुसार सफाई कर्मियों की भर्ती हो। ये प्रस्ताव शासन को पहले भी भेजा गया है। फिर भेज देंगे। इस हंगामे के चलते सुबह 11.30 बजे की बोर्ड बैठक दोपहर 12.48 तक शुरू नहीं हो पाई।

प्रदर्शन के दौरान अटल सभागार के बाहर सफाई कर्मचारी नेता सुरेश रिछपाल अचानक बेहोश होकर गिर गए। इससे खलबली मच गई। तुरंत कर्मचारियों ने उठाकर सभागार में ले गए। सीने में दर्द होने पर अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अमर सिंह ने सरकारी गाड़ी से मेडिकल कालेज उपचार के लिए भिजवाया। बाद में धरना खत्म हो गया।

उधर, इसके बाद बोर्ड बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने हंगामा कर दिया। भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने नगर आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि निगम में काम नहीं हो रहे हैं। ठेकेदार से आशीर्वाद लेने का आरोप लगाया। इसका वायरल फोटो भी लहराया। जिसमे ठेकेदार अतुल दीक्षित नगर आयुक्त के सिर पर हाथ रखते नजर आ रहे हैं। इसके बाद नगर आयुक्त सहित सभी अधिकारी सदन से बाहर चले गए।

उधर, कर्मचारियों ने कहा कि निगम अधिकारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा। इसके बाद सदन की बैठक रुक गई। महापौर हरिकांत अहलूवालिया बैठे रहे। आधे घंटे तक अधिकारी नहीं लौटे तो उन्होंने बैठक स्थगित कर दी। इससे पूर्व मुस्लिम पार्षदों फजल करीम, रिजवान अंसारी, नाजरीन आदि ने बढ़ा गृहकर आदि मुद्दों को लेकर बैनर लहरा दिए। कहा कि बढ़ा गृह कर नहीं देंगे। अन्य कई समस्याएं उठाते हुए उनके समाधान की मांग की। महापौर ने कहा कि गृहकर तो देना होगा। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने उनके हाथ से बैनर छीन लिए। 

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